रीवा: सीईओ ने महिला सरपंच को पद से पृथक करने का दिया नोटिस, जानें कारण
MP Rewa News: सात दिवस तक नोटिस का जवाब न देने की स्थिति में शासन के नियमानुसार पद से पृथक करने की कार्रवाई किए जानें की बात नोटिस में कही गई है।
MP Rewa News: मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े ने जनपद पंचायत नईगढ़ी अंतर्गत ग्राम पंचायत जोरौट सरपंच श्रीमति सावित्री सेन को पद से पृथक करने संबंधी नोटिस जारी किया गया है। सात दिवस तक नोटिस का जवाब न देने की स्थिति में शासन के नियमानुसार पद से पृथक करने की कार्रवाई किए जानें की बात नोटिस में कही गई है।
क्या है नोटिस में
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा सावित्री सेन सरपंच ग्राम पंचायत जोरौट जनपद पंचायत नईगढ़ी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुए कहा गया है कि सरपंच पति द्वारा पंचायत के कार्यों ग्राम सभा में हस्तक्षेप करना शासन की दिशा निर्देश के विपरीत है। इस सम्बन्ध में सुनवाई का अवसर देते हुए सात दिन के अंदर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु पत्र जारी किया गया है। निर्धारित समय सीमा के अंदर अपना पक्ष प्रस्तुत न करने पर यह समझा जाएगा कि आपने इस संबंध में कुछ नहीं कहा है। इसके बाद शासन के नियमानुसार पीद से पृथक किए जाने की कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला
बताया गया है कि 16 अगस्त को ग्राम सभा जोरौट में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में महिला सरपंच के पति भगवानदीन सेन और पुत्र सुरेश सेन उपस्थित होकर ग्राम सभा के संचालन की कार्रवाई पूरी की। ग्राम सभा के संचालन के दौरान सरपंच कुर्सी पर मूकदर्शक बनी रही। सरपंच पति द्वारा संचालन किया गया। ग्राम सभा के दौरान पंचायत सचिव द्वारा शासन एवं कलेक्टर रीवा द्वारा जारी पत्र का हवाला भी दिया गया। लेकिन सरपंच पति द्वारा ग्राम सभा में आयोजनों की जानकारी प्रेषित की गई। हाईस्कूल जोरौट एवं आंगनवाड़ी केन्द्र का भी सरपंच पति द्वारा निरीक्षण किया गया। इसी कड़ी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेडे़ के संज्ञान मे जब यह बात आई तो उन्होने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नईगढ़ी को उक्त मामले में प्रतिवेदन मांगा। प्राप्त प्रतिवेदन के बाद सीईओ रीवा द्वारा महिला सरपंच को नोटिस भेज कर जानकारी मांगी गई।
इस अधिनियम के तहत भेजी नोटिस
मप्र शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल द्वारा 2015 में भेजे पत्र में स्पष्ट निर्देश है कि निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के बदले ग्राम पंचायत और ग्राम सभा की बैठकों का संचालन उनके पति एवं अन्य परिजनों द्वारा किया जाना वर्जित है। यदि कोई सरपंच, उप सरपंच, पंच पति महिला सरपंच, उपसरपंच, पंच के स्थान पर ग्राम सभा की बैठकों में भाग लेता है। तो संबंधित महिला सरपंच, उपसरपंच, पंच के खिलाफ पद से विधिवत पृथक किए जाने की कार्रवाई की जाय।