5 साल पाकिस्तान की जेल में रहने बाद अपनी सरजमीं पर पहुंचा अनिल, लोगों ने किया स्वागत,
5 साल तक अपनों से दूर रहने के बाद अनिल साकेत आज अपने गृह ग्राम नईगढ़ी पहुंच गया। अनिल को ग्वालियर पुलिस द्वारा आज रीवा लाया गया।
5 साल पाकिस्तान की जेल में रहने बाद अपनी सरजमीं पर पहुंचा अनिल, लोगों ने किया स्वागत
रीवा। 5 साल तक अपनों से दूर रहने के बाद अनिल साकेत आज अपने गृह ग्राम नईगढ़ी पहुंच गया। अनिल को ग्वालियर पुलिस द्वारा आज रीवा लाया गया। जहां से उसे स्थानीय प्रशासन द्वारा उसके गृह ग्राम पहुंचाया गया। अनिल के रीवा पहुंचने की जानकारी जैसे ही स्थानीय लोगों को लगी लोग उसके स्वागत में उमड़ पड़े। लोगों द्वारा अनिल को फूल माला पहनाकर उसका स्वागत किया गया। साथ ही उसका हाल-चाल भी जाना।
अटारी बार्डर के कोविड सेंटर में था अनिल
ग्वालियर पुलिस द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि अनिल अटारी बार्डर की कोविड सेंटर में था। जहां से उसे रीवा लाया गया था। ग्वालियर पुलिस ने बताया की स्थानीय प्रशासन को सूचना मिली थी कि ग्वालियर के कुछ व्यापारी पाकिस्तान गए हुए थे। कोरोना वायरस होने के कारण वह पाकिस्तान में फंस गए थे। जो हाल ही में देश वापस लौटे हैं। ये सभी व्यापारी अटारी बार्डर के कोविड सेंटर में हैं। जिन्हें लेने के लिए जब हम वहां पहुंचे तो सभी व्यापारी अपने घर जा चुके थे। कोविड सेंटर के लोगों द्वारा जानकारी दी गई कि एक रीवा का लड़का यहां मौजूद है। चूंकि प्रदेश का लड़का होने के कारण उसे पहले हम ग्वालियर ले आए और ग्वालियर से आज उसे रीवा छोड़ा गया।
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व्यापारी दल के साथ आया स्वदेश
अनिल साकेत पाकिस्तान से स्वदेश कैसे लौटा इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं हो सकी हैं। जब कुछ मीडिया कर्मियों द्वारा इस संबंध में उससे जानकारी चाही गई तो वह किसी भी प्रकार का रिस्पांस नहीं दिया। जिससे यह माना जा रहा है कि वह बोल पाने में असमर्थ है और उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। जानकारों की माने तो अनिल व्यापारी दल के साथ अटारी बार्डर पहुंचा होगा। जहां से सभी व्यापारी अपने-अपने घर चले गए और अनिल कोविड सेंटर में ही रूका रहा।
पाकिस्तान की जेल में था बंद
बता दें कि पिछले साल जून माह में केंद्रीय गृह विभाग ने अनिल साकेत के मूल दस्तावेज तलब किए थे। केंद्रीय गृह विभाग से जारी पत्र में अनिल साकेत पुत्र बुद्धसेन साकेत 14 वर्ष निवासी छदनहाई ग्राम पंचायत मनकहरी थाना नईगढी जिला रीवा मध्य प्रदेश को पडोसी देश पाकिस्तान के लाहौर जेल में बंद होना बताया गया था। अनिल की स्वदेश लाए जाने की तैयारी पिछले एक वर्ष से की जा रही थी। जिससे यह माना जा रहा है कि शासन की पहल के बाद ही अनिल पाकिस्तान की जेल से छूटा और व्यापारियों के दल के साथ वह अटारी बार्डर पहुंचा।
5 साल से था लापता
अनिल साकेत 15 जनवरी 2015 को घर से लापता हो गया था। कई दिनों तक वह घर नहीं लौटा तो परिजनों द्वारा उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट नईगढ़ी थाने में दर्ज कराई गई थी। तकरीबन 3 साल लम्बा इंतजार करने के बाद जब उसका कोई पता नहीं चला तो परिजन उसके आने की आस छोड़ चुके थे। पत्नी भी इस दरम्यान मायके चली गई और परिजनों के दवाब में दूसरी शादी कर ली। साल 2019 में जब गृह मंत्रालय द्वारा उसके बारे में जानकारी मांगी गई तब परिजनों को यह पता चला कि अनिल जिंदा है और वह पाकिस्तान की जेल में है। साल भर चली लम्बी प्रक्रिया के बाद आखिरकार आज अनिल अपने सरजमी पहुंच गया। अनिल पाकिस्तान कैसे पहुंचा यह स्पष्ट नहीं हो सका है। लेकिन यह कयास लगाया जा रहा है कि अनिल की मानसिक हालत ठीक नहीं थी जिसके चलते वह भटकते-भटकते बार्डर क्रास हो गया होगा। जहां से वह पाकिस्तान पहुंच गया।