3 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार, बन रहे हैं ये 7 शुभ संयोग

3 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार, बन रहे हैं ये 7 शुभ संयोग सावन के महीने में पहले और आखिरी सोमवार का खास महत्व होता है. सावन का अंतिम सोमवार;

Update: 2021-02-16 06:26 GMT

3 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार, बन रहे हैं ये 7 शुभ संयोग

सावन के महीने में पहले और आखिरी सोमवार का खास महत्व होता है. सावन का अंतिम सोमवार 3 अगस्त को पड़ रहा है. इस बार सावन का आखिरी सोमवार कई मायनों में खास है. इस दिन रक्षाबंधन का त्योहार भी है और इसके अलावा इस दिन कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं. आइए जानते हैं कि इस बार सावन का अंतिम सोमवार क्यों महत्वपूर्ण है.

इस बार श्रावण मास में पांच सोमवार पड़े हैं. सावन का पहला सोमवार 6 जुलाई को था जबकि पांचवां और अंतिम सोमवार 3 अगस्त को है. सावन के अंतिम सोमवार के दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी का भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं.

सावन के 5 सोमवार को भगवान शिव के 5 मुख का प्रतीक माना जाता है. सावन के अंतिम सोमवार के दिन भगवान शिव के पंचमुख के अवतार की कथा पढ़ने और सुनने का बहुत महत्व है. मान्यता है कि पंचमुख अवतार की कथा सुनने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

10 अगस्त को आ रही CORONA वैक्सीन, सबसे पहले मिलेगी इन्हे, पढ़िए जरूरी खबर …

3 अगस्त सोमवार के दिन पूर्णिमा की तिथि है. इस दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे. इस दिन प्रीति योग भी बन रहा है जो सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. इसके बाद आयुष्मान योग शुरू हो जाएगा.

श्रावण का अंतिम सोमवार पूर्णिमा के दिन

श्रावण का अंतिम सोमवार पूर्णिमा के दिन है. चंद्रमा को पूर्णिमा का देवता माना जाता है और सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित हैं. इसलिए ये पूर्णिमा और सोमवार का अद्भुत संयोग है. इसे सौम्या तिथि माना जाता है. इस दिन चंद्रदेव की पूजा करने से हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है.

3 अगस्त को सोमवार को पूर्णिमा के दिन ही रक्षा बंधन का त्योहार भी है. सावन के आखिरी सोमवार के साथ रक्षाबंधन का त्योहार आना एक दुर्लभ संयोग है. इस दिन व्रत रखने रक्षा बंधन मनाने का कई गुना लाभ मिलेगा.

अंतिम सोमवार के दिन पितृ-तर्पण और ऋषि-पूजन भी किया जाता है. ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन के हर संकट समाप्त हो जाते हैं.

सावन के अंतिम सोमवार के दिन रुद्राभिषेक, रुद्राष्टक और लिंगाष्टक का पाठ करना बहुत फलदायी माना जाता है. इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने के बाद दान भी करना चाहिए.

सावन के अंतिम दिन बेल पत्र, दूध और जल चढ़ाकर भगवान भोलेनाथ की पूजा करें. इस दिन भगवान शिव और विष्णु की विशेष कृपा मिलती है.

ख़बरों की अपडेट्स पाने के लिए हमसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी जुड़ें:  FacebookTwitterWhatsAppTelegramGoogle NewsInstagram

Similar News