What Is The Indian Antarctic Bill Explained In Hindi: लोकसभा में पारित हुआ 'द इंडियन अंटार्कटिक बिल' क्या है?

What is The Indian Antarctic Bill Passed In Lok Sabha: मानसून सत्र के 5 वें दिन लोकसभा में द इंडियन अंटार्कटिक बिल पारित हुआ और सदन सोमवार तक के लिए स्थगित हो गया

Update: 2022-07-22 11:12 GMT

What Is The Indian Antarctic Bill In Hindi: द इंडियन अंटार्कटिक बिल क्या है? यह सवाल हर उस व्यक्ति के दिमाग में है जो देश की राजनीति की गतिविधियों को जानने की जिज्ञासा रखता है. शुक्रवार को मानसून सत्र का 5 वां दिन रहा, सदन में 'The Indian Antarctic Bill' पारित हुआ और अगले सोमवार दोपहर 2 बजे तक के लिए सदन फिर से स्थगित हो गया. 

द इंडियन अंटार्कटिक बिल 2022 क्या है 

What Is The Indian Antarctic Bill 2022 Explained In Hindi: द इंडियन अंटार्कटिक बिल सिर्फ भारत और भारत में रहने वाले लोगों के लिए नहीं है. इस बिल का अन्य CAA/NRC से भी कोई लेना देना नहीं है. जब केंद्र सरकार ने द इंडियन अंटार्कटिक बिल पेश किया तो इस बिल के खिलाफ भी किसी ने ज़्यादा विरोध नहीं किया। क्योंकि  The Indian Antarctic Bill इस पृथ्वी की रक्षा करने के लिए पारित हुआ है. 


The Indian Antarctic Bill में इंडिया का क्या मतलब है ये तो आप जानते हैं. बाकी Antarctic मतलब अंटार्टिका है. अंटार्टिका बोले तो ऐसा महाद्वीप जहां कोई इंसान नहीं रहता। जहां सिर्फ वैज्ञानिक जा सकते हैं और कोई सामान्य नागरिक यहां नहीं जा सकता। 

अंटार्टिका महाद्वीप में जमीन नहीं है, इसकी सतह बर्फ की है, और यह इतना बड़ा है कि पूरा ऑस्ट्रेलिया देश इसमें समा जाए. खैर The Indian Antarctic Bill 2022 का बस इतना मकसद है कि अंटार्कटिक के एनवायरमेंट और इससे जुड़े इकोसिस्टम को बचाने के लिए भारतीय उपायों का इस्तेमाल किया जा सके. 


दरअसल हम इंसानों ने पृथ्वी को नष्ट करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है, इसका नतीजा ये है कि पूरी पृथ्वी में ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है. ऐसा ही चलता रहा तो कुछ सदियों बाद पृथ्वी में बर्फ का नामोनिशान मिट जाएगा और इंसान के साथ धरती की सतह में रहने वाले सभी प्राणी खत्म हो जानेगे। अंटार्टिक के मूल निवासी पोलर बेयर, पेंग्विन और समुद्र में रहने वाले जीव हैं. जिनकी जान को भी खतरा है. यहां बर्फ पिघल रही है. कई प्रजाति विलुप्ति की कगार पर खड़ी हैं. 


अब अंटार्टिका के इकोसिस्टम की रखवाली के लिए अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, जैसे देशों के बाद भारत में सहयोगी बन गया है. अब भारतीय उपयोगों से इसकी रखवाली होगी। यह काम इतना आसान नहीं है लेकिन देश से ज़्यादा तो दुनिया है. और किसी न किसी को तो  दुनिया के इकोसिस्टम का ख़याल रखना पड़ेगा। कबतक अमेरिका ही सबकी ठेकेदारी करेगा। इसी लिए भारत ने The Indian Antarctic Bill 2022 पारित किया है 

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