मिशन लाइफ क्या है जिसे पीएम मोदी और UN महासचिव ने लॉन्च किया है

What Is Mission Life: गुजरात दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने केवडिया में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ मिशन लाइफ लॉन्च किया है

Update: 2022-10-20 08:22 GMT

मिशन लाइफ क्या है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव (UN Secretary General Antonio Guterres) ने मिलकर मिशन लाइफ (Mission Life) लॉन्च किया है. अपने गुजरात दौरे के दूसरे दिन पीएम ने केवडिया में गुटेरेस से मुलाकात की और स्टैचू ऑफ़ यूनिटी के समक्ष मिशन लाइफ यानी लाइफ स्टाइल फॉर एन्वायर्नमेंट (Lifestyle For Environment) अभियान की शरुआत की. 

पीएम मोदी ने कहा - मुझे आज ख़ुशी है कि दुनिया के देश मिशन लाइफ के लिए आगे आए, क्योंकि परिवर्तन के लिए वैश्विक एकता आज की सबसे बड़ी जरूरत है. मिशन लाइफ हमें पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रेरित करता है. हम अपनी लाइफस्टाइल को ठीक करके प्रयावरण को बचा सकते हैं. मिशन लाइफ की लॉन्चिंग के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर और राज्य के सीएम भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहे. 

पीएम मोदी ने कहा- आज हमारे ग्लेशियर पिघल रहे हैं, समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है. हमारी नदिया सूख रही हैं, मौसम अनिश्चित हो रहे हैं. यह बदलाव लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर रहे हैं कि जयवायु परिवर्तन को सिर्फ नीतियों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता, इस धरती के साथ जो कुछ भी हो रहा है उसके लिए हम ही जिम्मेदार हैं. 

फ़्रांस और एस्टोनिया के तरफ से आया सन्देश 

मिशन लाइफ को लेकर फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने वीडियो संदेश भेजा, उन्होंने कहा ऐसे समय में जब हमारी दुनिया भू-राजनीतिक तनावों के अधीन है, हमें सहयोग चुनना होगा, क्योंकि कोई भी देश अकेले वैश्विक चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता है. फ़्रांस मिशन लाइफ में भारत के साथ काम करने के लिए उत्सुक है. मिशन लाइफ की लॉन्चिंग के मौके पर एस्टोनिया की प्रधानमंत्री काजा कलास ने संदेश में कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सामूहिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक मजबूत है। 

क्या है मिशन लाइफ 

मिशन लाइफ का पूरा नाम लाइफस्टाइल फॉर एन्वायर्नमेंट (Life) है. पीएम ने इसे 2021 में ग्लासगो में COP26 मे लॉन्च किया गया था. LIFE का मकसद पर्यावरण के अनुकूल अपनी जीवनशैली को बदलना है. इसके लिए एक जनांदोलन शुरू किया जाएगा। हमें अपने जीवन में छोटे-मोटे ऐसे बदलाव करने होंगे जो प्रयावरण को नुकसान न पहुंचकर बल्कि इसे संरक्षित करेंगे। 

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