तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर यूएन मानवाधिकार ने भारत को कोसा तो अरिंदम बागची ने तबियत से लताड़ दिया
Arindam Bagchi Replay To UN Human Rights: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार ने तीस्ता सीतलवाड़ और दो अन्य आरोपियों की गिरफ़्तारी के खिलाफ भारत को घेरने की कोशिश की थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने करारा जवाब दिया है
Arindam Bagchi Replay To UN Humans Rights: भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संयुक्त राष्ट्र मनधिकार को पूरी दुनिया के सामने तबियत से लताड़ दिया है. बागची ने UN Human Rights को तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ़्तारी को लेकर करार जवाब दिया है. दरअसल तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) के साथ अन्य दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिनका लिंक गुजरात दंगों से हैं. इस गिरफ़्तारी पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए यूएन ह्यूमन राइट्स ने भारत को नसीहत दी थी के वो जल्द से जल्द तीस्ता सीतलवाड़ को रिहा कर दे. अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने United Nations Humans Rights को जवाब दिया है.
यूएन मानवाधिकार ने तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर क्या कहा
What UN Human Rights Said about Teesta Setalvad: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार (United Nations Humans Rights) ने बीते दिनों तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य दो लोगों की गिरफ़्तारी पर भारत को नसीहत दे डाली थी. यह मामला भारत का इंटरनल कानूनी मैटर है फिर भी UN को तीस्ता सीतलवाड़ की चिंता सता रही थी. United Nations Humans Rights ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि भारत सरकार को तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य दो अरेस्ट हुए पुलिस अधिकारीयों को तुरंत रिहा कर देना चाहिए। 2002 में गुजरात में हुए दंगों में पीड़ितों का साथ देने वालों और उनके काम को लेकर उनपर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
अरिंदम बागची ने यूएन मानवाधिकार से क्या कहा
What Arindam Bagchi Replied to UN Human Rights: यूएन ह्यूमन राइट्स को इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने जवाब दिया है. उन्होंने यूएन मानवाधिकार से कहा है कि United Nations Humans Rights का तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ़्तारी को लेकर दिया गया बयान पूरी तरह से गैर जरूरी है और भारत की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में दखल देने की तरह है. भारत में किसी अधिकारी पर तभी एक्शन लिया जाता है जब कानून का उल्लंघन होता है, और यह एक्शन न्यायिक प्रक्रिया के तहत होता है. इस तरह की कानूनी कार्रवाई को एक्टिविज्म का उत्पीड़न करार देना बहकाने वाला और अस्वीकार्य है.
तीस्ता सीतलवाड़ मामला क्या है
What is Teesta Setalvad case In Hindi: बीते दिनों गुजरात पुलिस ने तीस्ता सीतलवाड़ नाम की एक एक्टिविस्ट को मुंबई से गिरफ्तार किया था, इसी के साथ दो अन्य पुलिस अधिकारीयों को भी पकड़ा गया. दरअसल 2002 में हुए गुजरात दंगों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य 59 लोगों पर FIR हुई थी. जांच के बाद SIT ने मोदी सहित अन्य लोगों को क्लीन चिट मिली थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जकिया जाफरी नाम की एक्टिविस्ट ने SIT की पीएम मोदी को दी गई क्लीन चिट में आपत्ति जताई थी और फिर से जांच करने की मांग की थी. SIT की जांच को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली याचिकाकर्ता जकिया जाफरी का तीस्ता सीतलवाड़ के संगठन ने साथ दिया था। हालांकि कोर्ट ने याचिका ख़ारिज कर दी थी. लेकिन तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ़्तारी जकिया जाफरी का साथ देने के लिए नहीं किसी और कारण से हुई है.
तीस्ता सीतलवाड़ को क्यों गिरफ्तार किया गया है
Why Teesta Setalvad has been arrested: इस लिए क्योंकि गुजरात पुलिस के पास ऐसे सबूत है जिनमे 2002 में हुए गुजरात दंगों में तीस्ता सीतलवाड़ द्वारा आपराधिक साज़िश, धोखाधड़ी, अदालत के समक्ष फर्जी सबूत पेश किया था. इसी लिए गुजरात पुलिस ने तीस्ता को अरेस्ट किया है.
यूएन मानवाधिकार को तीस्ता सीतलवाड़ से क्या मतलब
कुछ भी मतलब नहीं है, यूएन खुद को सभी देशों का बब्बा समझता है. उसे लगता है वही सबकुछ कंट्रोल करता है. चीन, अफ़ग़ान, अमेरिका, के मसलों में इसी मानवाधिकार संगठन की बोलती बंद हो जाती है. लेकिन जब बात भारत की होती है तो UN कूदने लगता है. हालांकि UN Human Rights जैसे दोगले संगठनों से निपटने के लिए भारत के पास अरिंदम बागची जैसे ब्यूरोक्रेट्स हैं.