ख़ुशख़बरी: प्राइवेट कर्मचारियों के हित में देश में पहली बार मोदी सरकार करने जा रही है ऐसा काम, पढ़ें...
केंद्र की मोदी सरकार देश में पहली बार प्राइवेट कर्मचारियों के हित में बड़ा फैंसला करने जा रही है. मोदी सरकार जल्द ही प्राइवेट कर्मचारियों की गणना शुरू करने ज
केंद्र की मोदी सरकार देश में पहली बार प्राइवेट कर्मचारियों के हित में बड़ा फैंसला करने जा रही है. मोदी सरकार जल्द ही प्राइवेट कर्मचारियों की गणना शुरू करने जा रही है. इस दौरान कर्मचारियों के वेतन पर भी विचार किया जाएगा. इसके लिए सरकार द्वारा एक कमेटी भी गठित की जा चुकी है.
मोदी सरकार द्वारा ऐसा इसलिए किया जा रहा है जिससे घरेलु कर्मचारियों को सुरक्षा के साथ न्यूनतम वेतन का लाभ दिलाया जा सके. इस दौरान घरेलू कामगारों के साथ पेशेवरों और प्रवासी श्रमिकों का भी सर्वे किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदारी श्रम मंत्रालय के श्रम ब्यूरो को सौंपी गई है.
सर्वे के लिए हुआ कमेटी का गठन
बता दें इसके लिए मोदी सरकार द्वारा एक कमेटी भी गठित की जा चुकी है. इस श्रम सर्वे के लिए अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त दो इकोनॉमिस्ट एसपी मुखर्जी और अमिताभ कुंडू की एक कमेटी गठित की गई है. इस कमेटी का काम होगा घरेलू कामगारों और पेशेवरों और प्रवासी श्रमिकों का सर्वे करना.
हांलाकि इस सर्वे का हिस्सा घरों में खाना बनाने वाले कामगारों और सफाई करने वाले नहीं हो सकेंगे. इन कामगारों को भी इस सर्वे में शामिल किया जा सके, इसके लिए 21 अक्टूबर को होने वाली बैठक में फैसला लिया जाएगा.
क्यों हो रहा है सर्वे...
श्रम मंत्रालय मुताबिक अभी तक चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील, डॉक्टर, फैशन डिजाइनर जैसे पेशेवरों का भी कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो पाया है. इसलिए यह जानने के लिए भी पेशेवरों का सर्वेक्षण कराया जाएगा.
घरेलू कामगारों का न ही आंकड़ा है न ही डाटा
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी बताया कि अभी तक देश में घरेलू कामगारों का कोई आंकड़ा नहीं है. डाटा इक्ट्ठा होने के बाद प्रवासी मजदूरों के पंजीयन और अन्य सुविधा के लिए जल्द ही पोर्टल भी बनाया जाएगा.