धूमकेतु या कॉमेट सौरमण्डलीय में पाए जाने वाले ऐसे तारे होते हैं, जो मूल रूप से पत्थर, धूल, बर्फ और गैस के बने हुए छोटे-छोटे टुकड़े होते है। यह ग्रहोंं के समान ही सौरमंडल में सूर्य की परिक्रमा करते हैंं। छोटे पथ वाले धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा एक अण्डाकार पथ में लगभग 6 से 200 साल में एक बार पूरी करते हैंं। कुछ धूमकेतु तारों का पथ वलयाकार होता है और वो अपने पूरे जीवनकाल में मात्र एक बार ही दिखाई देते है। लम्बे पथ वाले धूमकेतु अक्सर एक परिक्रमा करने में हजारों वर्ष लगाते हैंं।
अधिकतर धूमकेतु बर्फ, कार्बन डाईऑक्साइड, मीथेन, अमोनिया तथा अन्य पदार्थ जैसे सिलिकेट और कार्बनिक मिश्रण के बने होते हैं। इन्हें सामान्य भाषा में पुच्छल तारा भी कहा जाता है क्योंकि इनके पीछे उक्त तत्वों की लंबी पूंछ बनी हुई होती है जो सूर्य के प्रकाश से चमकती रहती है। धूमकेतू का नजर आना अपने आप में दुर्लभ घटना है क्योंकि ये कई बरसों में एक बार नज़र आते हैं।
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