Rajasthan Government Crises : राहुल का संदेश, पायलट के लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं
Rajasthan Government Crises : जयपुर. राजस्थान सरकार में संकट के बादल छाए हुए हैं. यहाँ अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट इस हद तक पहुंच चुका
Rajasthan Government Crises : जयपुर. राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) में संकट के बादल छाए हुए हैं. यहाँ अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट इस हद तक पहुंच चुका है कि राजस्थान सरकार ने कार्रवाई करते हुए सचिन पायलट एवं दो मंत्रियों को पदों से बर्खास्त कर दिया. एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 109 विधायकों के समर्थन का दावा कर चुके हैं, दूसरी ओर सचिन लगातार दावा कर रहें हैं की उनके समर्थन में 30 विधायक हैं, और गहलोत सरकार अल्पमत में है.
इस बीच अब राहुल गाँधी ने सचिन पायलट के लिए एक सन्देश भेजा है. राहुल ने सन्देश में कहा है कि सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं एवं पार्टी के दरवाजे उनके लिए हमेशा खुले हैं. साथ ही उन्होंने सीएम अशोक गहलोत को सार्वजनिक बयान न देने की बात कही है.
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सूत्रों के मुताबिक, पार्टी आलाकमान भी सचिन पायलट पर निजी हमले से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज है. आजतक ने पहले ही सूचना दी थी कि पार्टी नेतृत्व ने सचिन पायलट को भेजे गए नोटिस के लिए अशोक गहलोत की खिंचाई की गई थी.
बता दें कि गहलोत ने सीधे सचिन पायलट पर विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार गिराने का आरोप लगाया है. गहलोत ने यहां तक कह दिया कि उनके पास इसके सबूत हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि अबतक सचिन पायलट की तरफ से ये कहा जा रहा है कि उन्होंने पांच साल मेहनत की थी और सीएम पद पर कब्जा अशोक गहलोत ने जमा लिया.
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राहुल गांधी के संदेश के बाद साफ हो गया है कि अभी सचिन पायलट के लिए कांग्रेस के दरवाजे बंद नहीं है. कांग्रेस में अभी सुलह-समझौते की गुंजाइश बची हुई है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा पायलट पर गंभीर आरोप लगाने के आधे घंटे के बाद ही कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट 'वापस घर' आएं और पार्टी फोरम पर खुलकर बात करें.
रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कहा कि पायलट होनहार नेता हैं और आलाकमान ने उनके प्रति उदारता दिखाई है. हालांकि राजस्थान में सरकार गिराने की साजिश हुई है, जो जनमत का अपमान है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सचिन पायलट को दो बार विधायक दल की बैठक में बुलाया गया, लेकिन वो नहीं आए, इसलिए हमें भारी मन से सचिन पायलट पर फैसला लेना पड़ा है.
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