अब IAS अफसर नही रही पूजा खेडकर: केंद्र सरकार ने सेवा समाप्त की, खेडकर ने कहा था- UPSC को मुझे हटाने का अधिकार नहीं
केंद्र सरकार ने फर्जी सर्टिफिकेट के मामले में पूजा खेडकर की IAS सेवा समाप्त कर दी। UPSC जांच में दोषी पाए जाने के बाद यह फैसला लिया गया।
पूजा खेडकर की सेवामुक्ति: 7 सितंबर 2024 को केंद्र सरकार ने पूर्व ट्रेनी IAS अफसर पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से हटा दिया। यह कार्रवाई UPSC द्वारा की गई जांच के बाद की गई, जिसमें पाया गया कि पूजा ने सिविल सर्विसेज परीक्षा 2022 में फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया था। उन पर आरक्षण का गलत लाभ उठाने का आरोप है।
UPSC की जांच
पूजा खेडकर 2023 बैच की ट्रेनी अफसर थीं और उन्हें CSE-2022 में 841वीं रैंक मिली थी। UPSC की जांच में पाया गया कि पूजा ने विकलांगता कोटे के तहत परीक्षा दी, लेकिन उनका सर्टिफिकेट संदिग्ध निकला। 31 जुलाई को UPSC ने उनका सिलेक्शन रद्द कर दिया और भविष्य में किसी भी UPSC परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी।
कोर्ट में सुनवाई और पूजा का पक्ष
पूजा ने 5 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि वह अपनी विकलांगता की जांच AIIMS में कराने के लिए तैयार हैं। उनके द्वारा UPSC में जमा किए गए दो विकलांगता सर्टिफिकेट में से एक के फर्जी होने का शक है। कोर्ट में उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अपनी पहचान छिपाने या गलत जानकारी देने की कोशिश नहीं की है।
विकलांगता सर्टिफिकेट का मुद्दा
पूजा पर आरोप है कि उनके विकलांगता सर्टिफिकेट में जो पता दिया गया था, वह असल में एक फैक्ट्री का निकला। इसके अलावा, सरकारी नियमों के अनुसार विकलांगता सर्टिफिकेट के लिए आधार कार्ड जरूरी होता है, लेकिन पूजा ने राशन कार्ड का इस्तेमाल किया था। उनके सर्टिफिकेट में 7% लोकोमीटर डिसेबिलिटी बताई गई थी, जबकि UPSC के लिए 40% विकलांगता अनिवार्य है।
पूजा खेडकर के मामले में दिल्ली पुलिस ने भी जांच शुरू की है। इसके तहत पूजा द्वारा पेश किए गए विकलांगता सर्टिफिकेट्स की गहन जांच की जा रही है। पूजा ने UPSC में अपने 12 अटेम्प्ट्स दिए थे, जिनमें 7 जनरल कैटेगरी में थे। उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि उनके दिव्यांग कैटेगरी वाले अटेम्प्ट्स को ही गिना जाए।