अब LOCKDOWN 4.0 का पालन न करने पर होगी कड़ी सजा, तुरंत पढ़िए

अब LOCKDOWN 4.0 का पालन न करने पर होगी कड़ी सजा, तुरंत पढ़िएकोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए देश में LOCKDOWN 4.0 लागू

Update: 2021-02-16 06:22 GMT

अब LOCKDOWN 4.0 का पालन न करने पर होगी कड़ी सजा, तुरंत पढ़िए

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए देश में LOCKDOWN 4.0 लागू कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने इसकी गाइडलाइन जारी करते हुए नियम स्पष्ट कर दिए हैं। कुछ नियम राज्य सरकारें तय कर रही हैं। केंद्र सरकार के बनाए कुछ नियम ऐसे हैं, जिनका सभी का पालन करना होगा। उल्लंंघन करने पर सजा का प्रावधान किया गया है।

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लॉकडाउन का जानबूझकर पालन नहीं करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। अधिनियम की धारा 51 से 60 के में बताया गया है 

यदि आप लॉकडाउन का उल्लंघन करते हैं या फिर अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। कार्यस्थल के लिए अतिरिक्त निर्देश जारी किए गए हैं, जहां ज्यादा जिम्मेदारी कंपनियों की है।

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Disaster Management Act 2020 की इन धाराओं के तहत होगी सजा

धारा 51ः

बाधा पहुंचाने के लिए सजा - इस कानून के तहत केंद्र सरकार या राज्य सरकार अथवा संबंधित प्राधिकरण के निर्देशों का पालन नहीं करेंगे या अधिकारियों और कर्मचारियों के कामों में बांधा डालने की कोशिश करेंगे तो एक साल की जेल या जुर्माने या दोनों की सजा हो सकती है।

धारा 52ः

झूठे दावे के लिए - यदि कोई व्यक्ति किसी भी तरह का लाभ प्राप्त करने के लिए झूठा दावा करता है तो उसे 2 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।

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धारा 53ः

धन या सामग्री का गबन - यदि कोई शख्स आपदा के लिए आए धन या किसी राहत सामग्री का घपला करता है तो अधिकतम 2 साल की सजा और जुर्माना लगाया जा सकता है।

धारा 54ः

झूठी चेतावनी देना - यदि कोई व्यक्ति आपदा से जुड़ी झूठी चेतावनी फैलाता है तो उसे 1 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है।

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धारा 55ः

सरकारी विभाग द्वारा अपराध - यदि कोई सरकारी विभाग गलती करता है तो उसके प्रमुख को दोषी माना जाएगा और एक्शन लिया जाएगा। हालांकि यदि वो यह साबित कर देता कि अपराध उसकी जानकारी के बिना हुआ है और इसमें उसका कोई योगदान नहीं है तो वह बच सकता है।

धारा 56ः ड्यूटी निभाने में विफल या अधिनियम के उल्लंघन पर मिलीभगत करने पर - यदि किसी अधिकारी द्वारा अपनी ड्यूटी सही ढंग से नहीं निभा पाता या फिर खुद को इससे अलग कर लेता है तो उसे एक साल की जेल या फिर जुर्माना लगाया जा सकता है।

धारा 57ः आवश्यकता संबंधी आदेशों का उल्लंघन करने पर - यदि कोई व्यक्ति धारा-65 के तहत दिए गए आदेशों की अवहेलना करता है तो उसे अधिकतम एक साल की जेल अथवा जुर्माने की सजा हो सकती है।

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धारा 58ः कंपनी द्वारा अपराध - यदि किसी कंपनी द्वारा अपराध होता है तो कंपनी, प्रत्येक सदस्य जिसने अपराध किया है और जिसके पास उस वक्त जिम्मेदारी थी, इसके लिए जिम्मेदार समझे जाएंगे। साथ ही उन पर मामला चलाया जाएगा।

धारा 59ः अभियोजन की मंजूरी - इस कानून की धारा 55 और 56 के तहत अपराधों के लिए अभियोजन प्राधिकृत अधिकारी की पूर्व मंजूरी के बिना नहीं लगाया जाएगा।

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धारा 60ः अपराधों का संज्ञान - कोई भी अदालत इस अधिनियम के तहत की गई शिकायत के अलावा किसी अपराध का संज्ञान नहीं लेगा।

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