मोदी केबिनेट: लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र और चुनाव से जुड़े बड़े बदलाव के विधेयकों को मंजूरी मिली

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दो बड़े सुधारों से जुड़े विधेयकों को मंजूरी दी है. जिसमें लड़कियों की शादी की उम्र भी शामिल है.

Update: 2021-12-16 05:11 GMT

नई दिल्ली. भारत में लड़के-लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र अब एक होगी. लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र (Minimum age of marriage of girls) 18 से बढ़ाकर 21 कर दी गई है. यह नया कानून सभी धर्मों पर लागू होगा. बुधवार को हुई मोदी के मंत्रियों की केबिनेट बैठक (Cabinet meeting of Union Ministers) में दो बड़े सुधारों को लेकर विधेयक (Bill) पेश किया गया था. जिसे मंजूरी दे दी गई है. 

लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होगी

बुधवार की केंद्रीय मंत्रियों की केबिनेट में दो बड़े और अहम सुधारों पर विधेयकों को मंजूरी दी गई है. जिसमें से एक विधेयक लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र से जुड़ा हुआ है. भारत में लड़के लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र एक सामान (Same minimum age of marriage for boys and girls) कर दी गई है.

लड़के की शादी की न्यूनतम उम्र (Minimum age of marriage of boy) 21 वर्ष थी. जबकि लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष तय की गई थी. जिसे 3 वर्ष तक बढाकर अब 21 वर्ष कर दिया गया है. इस विधेयक को दे दी गई है. अगर यह कानून लागू हुआ तो यह सभी धर्मों और वर्गों की लड़कियों पर लागू होगा. 

चुनाव सुधारों से जुड़े विधेयक को भी मंजूरी

चुनाव आयोग ने मतदान पहचान पत्र को आधार से जोड़ने (Linking of Voting ID Card with Aadhaar) की सिफारिश की थी, ताकि मतदाता सूची को पारदर्शी और सटीक बनाया जा सके. फर्जी मतदाताओं या एक से अधिक जगह मतदाता सूची में दर्ज वोटरों को हटाने में भी मदद मिलेगी. चुनाव आयोग माइग्रेंट वर्करों को उनकी रिहायश के शहरों में वोट देने की मंशा रखता है और इससे यह कदम साकार हो सकेगा.

वन नेशन वन डेटा (One Nation One Data) की दिशा में भी यह बड़ा कदम होगा. जनप्रतिनिधि कानून में संशोधन (Amendment to the Representation of the People Act) करते हुए 1 जनवरी के बाद 18 साल के होने वाले युवाओं को साल में चार बार मतदान सूची में नाम दर्ज करने की अनुमति देने का प्रावधान भी इस विधेयक में होगा. अभी तक वे सिर्फ एक बार ही यह मौका हासिल करते हैं.

सभी धर्मों पर समान रूप से लागू करने की सिफारिश

लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र पर विचार के लिए जया जेटली की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया था जिसने अपनी रिपोर्ट पिछले साल दिसंबर में नीति आयोग को सुपुर्द की थी. टास्कफोर्स ने युवतियों की विवाह की उम्र बढ़ाकर 21 वर्ष करने का पूरा रोल आउट प्लान सौंपा था और इसे समान रूप से पूरे देश में सभी वर्गों पर लागू करने की मजबूत सिफारिश की है.

मोदी सरकार के कार्यकाल में विवाह को लेकर दूसरा बड़ा बदलाव

मोदी सरकार के कार्यकाल में विवाह के संबंध यह दूसरा बड़ा सुधार है जो समान रूप से सभी धर्मों के लिए लागू होगा. इससे पहले NRI मैरिज को 30 दिन के भीतर पंजीकृत कराने का बड़ा कदम उठाया गया.

दिसंबर 2020 में टास्क फोर्स ने दी थी रिपोर्ट

10 सदस्यों की टास्क फोर्स ने देशभर के जाने-माने स्कॉलर्स, कानूनी विशेषज्ञों, नागरिक संगठनों के नेताओं से परामर्श किया. वेबिनार के जरिए देश में सीधे महिला प्रतिनिधियों से बातचीत कर रिपोर्ट को दिसंबर के अंतिम सप्ताह में सरकार के सुपुर्द कर दिया गया.

इससे पहले 1978 में हुआ था विवाह कानून में संशोधन

टास्क फोर्स ने शादी की उम्र समान 21 साल रखने को लेकर 4 कानूनों में संशोधनों की सिफारिश की है. युवतियों की न्यूनतम उम्र में आखिरी बदलाव 1978 में किया गया था और इसके लिए शारदा एक्ट 1929 में परिवर्तन कर उम्र 15 से 18 की गई थी.

18 से 21 वर्ष के बीच विवाह करने वाली लड़कियां 16 करोड़

UNICEF के अनुसार भारत में हर साल 15 लाख लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में हो होती है. जनगणना महापंजीयक के मुताबिक देश में 18 से 21 साल के बीच विवाह करने वाली युवतियों की संख्या करीब 16 करोड़ है.

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