कन्हैयालाल हत्याकांड: NIA को जांच में अबतक क्या पता चला?
कन्हैयालाल की हत्या की जाँच में NIA को क्या पता चला: राष्ट्रीय जांच एजेंसी मतलब NIA ने उदयपुर हत्याकांड के बारे में कई खुलासे किए हैं
Kanhaiyalal murder case NIA Investigation Update: पिछले महीने 28 जून के दिन दो मुस्लिम आतंकियों द्वारा उदयपुर की धानमंडी में दर्जी का काम करने वाले कन्हैयालाल को तालिबानी मौत दी थी और उसका वीडियो वायरल किया था. इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA कर रही है. कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच को लेकर NIA ने कई बड़े खुलासे किए हैं. पता चला है कि इस्लामिक जिहादी कन्हैयालाल को मारने के लिए 10 जून से ही प्लानिंग करना शुरू कर चुके थे.
NIA के मुताबिक एक पाकिस्तानी शख्स ने हत्यारे मोहम्मद गौस को कन्हैयालाल की हत्या करने के लिए उकसाया था. उस शख्स का नाम सलमान भाई है. पाकिस्तान में बैठे इस सलमान भाई ने मोहम्मद गौस से फोन पर कहा था कि
"तुम्हें कुछ शानदार करना चाहिए क्योंकि शांतिपूर्ण विरोध का कोई नतीजा नहीं निकल रहा है, कुछ ऐसा करो गौस कि मिसाल बने और काफिर दोबारा नबी की गुस्ताखी करने की जुर्रत न करें"
कन्हैयालाल हत्याकांड पर NIA को जांच में अबतक क्या मिला
NIA investigation on Kanhaiyalal murder case: NIA और राजस्थान पुलिस दोनों की कन्हैयालाल हत्याकांड में शामिल हत्यारों को लेकर अलग-अलग बात कही गई है. राजस्थान सरकार का कहना है कि गौस मोहम्मद रियाज जब्बार के साथ 2014 में 45 दिनों के लिए पाकिस्तान गया था. जहां दावत ए इस्लामी ने उसे आतंकी ट्रेनिंग देने के लिए बुलाया था। जनवरी 2015 में वो पाकिस्तानी व्हाट्सऐप ग्रुप में शामिल हुआ था जहां 'सलमान भाई और अबू इब्राहिम" नाम के दो पाकिस्तानी लोगों के संपर्क में था.
उदयपुर हत्याकांड में NIA को क्या मिला
What did NIA get in Udaipur murder case: NIA ने बताया कि इस्लामिक आतंकी मोहम्मद गौस और रियाज जब्बार ने 10 से 15 जून से ही कन्हैयालाल की हत्या करने की प्लानिंग शुरू कर दी थी. NIA को हत्यारों ने बताया कि धानमंडी में जिस इलाके में कन्हैयालाल की दुकान थी, वहीं 'बबला भाई' नाम का व्यक्ति रहता है. बबला ने ही कन्हैयालाल की हत्या के लिए 10-11 लोगों की टीम बनाई थी. और उन्हें हत्या के लिए अलग-अलग काम सौंपे थे.
ग्रुप में कन्हैयालाल की फोटो शेयर की थी
हत्यारों को कन्हैयालाल की पहचान बताने के लिए एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया था जिसमे कन्हैयालाल की फोटो और उससे जुडी डिटेल्स शेयर की जाती थी. कन्हैयालाल की पहले कई दिनों तक रेकी की गई, जिसमे अलग आरोपियों की भूमिका थी. उन आरोपियों का नाम मोहसिन और आसिफ हुसैन है जिन्हे गिरफ्तार कर लिया गया है.
जिस दिन कन्हैयालाल की हत्या हुई उस दिन मोहसिन, आसिफ, गौस मोहम्मद और रियाज जब्बार अलग-अलग बाइक से दर्जी की दुकान के बाहर पहुंचे थे. गौस ने मोहसिन को बाइक की चाबी देते हुए कहा था "अगर हम वापस ना आए तो समझना काम हो गया और बाइक घर में रख देना"
हत्या करने के बाद गौस मोहम्मद और रियाज जब्बार अपने साथी 'शोएब भाई" की दुकान गए और उन्ही खून से लथपथ कपड़ों में वहीं कन्हैयालाल की हत्या और प्रधानमंत्री मोदी को मारने की धमकी दी. दोनों ने कपड़े बदले और अजमेर शरीफ के लिए निकल गए. लेकिन बाद में राजस्थान पुलिस ने दोनों को राजसमंद के भीम इलाके से पकड़ लिया।