LAC पर कार्रवाई के लिए अब भारतीय सैनिकों को मिली पूरी आजादी
नई दिल्ली. LAC पर कार्रवाई करने के लिए सेना को पूरी आजादी मिल गई है. इसके लिए भारतीय सेना को केंद्र सरकार के आदेश का इंतज़ार नहीं करना होगा.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सेना के नियमों में बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव किया है. अब LAC पर कार्रवाई करने के लिए सेना को पूरी आजादी मिल गई है. इसके लिए भारतीय सेना को केंद्र सरकार के आदेश का इंतज़ार नहीं करना होगा.
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों द्वारा धोखे से किए गए बर्बर हमले के बाद अब भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पर युद्ध के नियम (रूल्स ऑफ इंगेजमेंट, आरओआई) को बदल दिया है. भारतीय सेना को अब पूरी छूट है की वह असाधारण परिस्थितियों में अपने बचाव के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर सकती है.
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गलवान में हुए चीनी सेना के साथ झड़प के बाद लिया गया फैंसला
ऐसा फैंसला केंद्र की तरफ से तब लिया गया जब भारतीय सेना की झड़प गलवान में चीनी सेना के साथ हुई. इस झड़प ने भारत ने 20 जवानों को खो दिया. अब एलएसी पर तैनात कमांडिंग ऑफिसर सामरिक स्तर पर स्थितियों को संभालने के लिए सैनिकों को "कार्रवाई की पूर्ण स्वतंत्रता" दे सकते हैं. झड़प के दौरान एक संधि के तहत भारतीय सैनिकों ने अपने हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया. सूत्रों के मुताबिक पीएलए के सैनिक जब हमला कर रहे थे तो उन्होंने हथियारों का इस्तेमाल इसलिए नहीं किया क्योंकि संधि के तहत उन्हें अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई थी.
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पीएम ने कहा था- देश शांति और मित्रता चाहता है, लेकिन सम्प्रभुता सबसे अहम
शुक्रवार को हुए सर्वदलीय बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा था की भारत हमेशा से शांति और मित्रता चाहता रहा है, लेकिन देश के लिए सम्प्रभुता सबसे अहम है. भारत एलएसी हस्तांतरण करने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से जबाव देगा. पीएम के मुताबिक़ सरकार अपनी सीमाओं को ज्यादा सुरक्षित करने के लिए सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास को प्रमुखता दे रही है. उन्होंने कहा कि बेहतर बुनियादी ढांचे से दुर्गम इलाकों में जवानों के लिए सामग्री और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति तुलनात्मक रूप से ज्यादा आसान हो गई है.
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