Himachal Cracker Factory Blast: हिमाचल की पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट, 6 महिलाऐं ज़िंदा जल गईं, कई झुलसे
Himachal Cracker Factory Blast: हिमचाल के ऊना में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट होने से 6 महिलाओं की मौत हो गई है
Himachal Cracker Factory Blast: हिमाचल के ऊना में पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट होने से 6 महिलाऐं जिन्दा जल गईं, जबकि 14 लोग बुरी तरह झुलस गए. मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है और रेस्क्यू टीम आग पर काबू पाने और लोगों को बचाने के लिए बचाव कार्य में जुटी हुई है।
इस घटना के बाद विभाग ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि फैक्ट्री अवैध नहीं थी उसे NOC मिला था, फैक्ट्री में पानी का कोई कनेक्शन नहीं था, इससे पहले भी इसी पटाखा फैक्ट्री में आगजनी की घटना हुई थी.
पूरा मामला क्या है
हिमाचल के ऊना सिटी में मंगलवार को सुबह 10 बजे के करीब संचालित अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट होने से 20 लोग आग की चपेट में आ गए, जिसमे से 18 महिलाऐं शामिल है, इस घटना में अबतक 6 महिलाऐं ज़िंदा जल के मर गई हैं. वहीं घायल होने वाली महिलाओं का शरीर 80% तक झुलस गया है और उनके बचने की उम्मीद बेहद कम बताई जा रही है. घायलों को चंडीगढ़ हॉस्पिटल में भेज दिया गया है, और बाकि घायलों का इलाज ऊना के हॉस्पिटल में चल रहा है।
सरकार ने मुआवजे का एलान कर दिया
इस घटना पर दुःख जताते हुए PMO ने मुआवजे का एलान किया है, सरकार ने PM राहत कोष से मरने वालों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हज़ार रुपए देने का आश्वासन दिया है. मरने वालों में यूपी, बिहार और पंजाब की महिलाऐं शामिल हैं.
एक घंटे तक जलती रहीं महिला कर्मचारी
आग लगने से जिन महिलाओं की मौके पर मौत हो गई उसकी वजह आग लगने से ज़्यादा सही समय पर रेस्क्यू ना हो पाना है। महिलाओं का शरीर एक घंटे तक आग में जलता रहा, करीब एक घंटे बाद फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और आग में काबू पाया लेकिन तबतक बहुत देर हो चुकी थी. इस घटना में 6 महिलाओं की मौत हो गई है और 12 महिलाऐं 80% जल गई हैं जबकि अन्य पुरुष वर्कर्स भी बुरी तरह घायल हुए हैं. 10 महिलाओं की हालत बेहद नाजुक है।
इसी फैक्ट्री में यह दूसरी आगजनी की घटना है
पहले भी इसी फैक्ट्री में आग लग चुकी है, इसके बाद भी विभाग ने इसे NOC दे दिया था, इस फैक्ट्री में आग भुझाने और पानी के लिए कोई बंदोस्बत नहीं था. इस पटाखा फैक्ट्री में दूसरे प्रांतों की महिलाऐं काम करती थीं. हादसे में मारे गए लोगों की शिनाख्त करना उनके परिजनों के लिए मुश्किल हो गया है।