Driving License New Rules: एक जुलाई से बदल जाएंगे ड्राइविंग लाइसेंस के नियम, अब आसानी से नहीं मिलेगा DL
Driving License New Rules: केंद्र सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को और भी पेचीदा बना दिया है
Driving License New Rules: केंद्र सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया और आसान करने की बजाय और भी पेचीदा बना दिया है. अब भले ही आपको DL के लिए RTO के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे लेकिन गाड़ी चलाने वाला लाइसेंस पाना पहले से भी ज़्यादा मुश्किल होने वाला है. अच्छी बात ये है कि नए ड्राइविंग लाइसेंस नियम लागू होने के बाद सिर्फ पात्र लोगों को ही DL मिल सकेगा।
New Driving License Rules 2022 : चाहे अब आपको नया लाइसेंस बनवाना हो या पुराना ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू करना हो, इसके लिए आपको RTO जाने की जरूरत नहीं होगी। न्यूज़ चैनलों का दावा है कि अब DL बनवाना पहले से आसान हो गया है लेकिन सरकार ने सड़क सुरक्षा परिवहन की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए इसे पहले से ज़्यादा पेचीदा बना दिया है
एक जुलाई से बदल जाएगी DL बनवाने का प्रोसेस
ड्राइविंग लाइसेंस के संशोधित नियम के अनुसार अब ड्राइविंग टेस्ट RTO जाकर नहीं देना होगा. केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय की तरफ से नए नियमों को 1 जुलाई 2022 से लागू किया जाएगा. नए नियम लागू होने के बाद DL बनवाने के लिए वेटिंग लिस्ट का इंतजार कर रहे करोड़ों लोगों को राहत जरूर मिलेगी मगर इसे हासिल करने के लिए ज़्यादा वक़्त देना होगा।
अब कैसे बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस
अबतक आप RTO में जाकर या ऑनलाइन आवेदन करने के बाद DL बनवाने के लिए RTO में ड्राइविंग टेस्ट देते थे, खैर जुगाड़ से बिना टेस्ट के ही लाइसेंस मिल जाता था. लेकिन अब यहां जुगाड़ पानी वाला काम नहीं होगा। डीएल के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल (Driving Training School) में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।. यहां से ट्रेनिंग लेने के बाद आपको वहीं से टेस्ट पास करना होगा. टेस्ट पास करने वालों को ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर से एक सर्टिफिकेट जारी होगा. इस सर्टिफिकेट के आधार पर डीएल बनेगा। मतलब पहले जाकर गाड़ी चलना सीखना होगा, उसकी फीस जमा करनी होगी और बाद में इसका सर्टिफिकेट मिलेगा और उसके बाद उस सर्टिफिकेट के बेस पर DL इश्यू होगा।
परीक्षा देनी होगी
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अबतक सिर्फ गाड़ी चलाना जरूरी था, लेकिन अब DL बनवाने के लिए एग्जाम देना होगा। इसके लिए परिवहन मंत्रालय ने एक सिलेबस तैयार किया है। जिसमे लिखित टेस्ट और प्रैक्टिकल टेस्ट होगा। लाइट मोटर व्हीकल (LMV) के लिए कोर्स चार हफ्ते का है, जो 29 घंटे में पूरा होगा मतलब हर दिन एक घंटा देना होगा। प्रैक्टिकल के लिए आवेदन करने वाले को सड़कों, हाइवे, शहर की सड़क, गांव के रास्ते, रिवर्सिंग और पार्किंग आदि प्रैक्टिकल के लिए 21 घंटे का समय देना होगा. बाकी के 8 घंटे थ्योरी पढ़ाई जाएगी. इतनी मशक्क्त करने के बाद एक आवेदन करने वाले को DL मिलेगा
ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए गाइडलाइन जारी
जिन लोगों को ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर शुरू करने की ईक्षा है उनके लिए सरकार ने बाकायदा गाइडलाइन बनाई है. जिसमे आवेदन करने वाले के पास दोपहिया, ऑटो और हल्के वाहनों के ट्रेनिंग सेंटर् के लिए कम से कम एक एकड़ जमीन, भारी यात्री / माल वाहन या ट्रेलरों के लिए ट्रेनिंग सेंटर के पास दो एकड़ जमीन होना अनिवार्य है. ड्राइविंग ट्रेनर का कम से कम 12वीं कक्षा पास होना जरूरी है. साथ ही उसके पास 5 साल ड्राइविंग का अनुभव होना चाहिए. ट्रेनिंग सेंटर पर बायोमेट्रिक सिस्टम भी लगाना होगा। मीडियम और हेवी मोटर व्हीकल के लिए 6 हफ्ते में 38 घंटे कोर्स की अवधि है. इसमें 8 घंटे थ्योरी क्लास और बाकी 31 घंटे का प्रैक्टिकल होगा.
इतना सब करने के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा, न्यूज़ चैनलों और सरकार के अनुसार DL के लिए बनाई गई यह गाइडलाइन पहले की तुलना में आसान बताई जा रही है. जबकि यह ज़्यादा समय खपाने वाला नियम है.