Umid Smart Card Yojana: रेलवे कर्मचारियों को विभाग जारी करेगा स्मार्ट कार्ड, किसी भी रेल अस्पताल में करा सकेंगे फ्री में इलाज, बच्चों को भी मिलेगा लाभ
Umid Smart Card Yojana: रेल कर्मचारी व सेवानिवृत्त रेल कर्मचारी देश भर के किसी भी रेल अस्पताल में अपना इलाज करा सकेंगे। इसके लिए रेलवे ने उम्मीद स्मार्ट कार्ड योजना प्रारम्भ की है।
Umid Smart Card Yojana: रेल कर्मचारी व सेवानिवृत्त रेल कर्मचारी देश भर के किसी भी रेल अस्पताल में अपना इलाज करा सकेंगे। इसके लिए रेलवे ने उम्मीद स्मार्ट कार्ड योजना प्रारम्भ की है। यह योजना पूरी तरह ऑनलाइन काम करेगी। योजना के तहत यह स्मार्ट कार्ड बनवाने पर रेल कर्मचारियों को यूनिक आईडी जारी होगी। यह स्मार्ट कार्ड रेल कर्मचारियों के बच्चों का भी बनेगा, जिससे उन्हें भी निर्धारित उम्र तक रेलवे के अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सके।
उम्मीद स्मार्ट कार्ड योजना से मिलेगा लाभ
रेलवे के अस्पताल व उससे अनुबंधित अस्पताल में इलाज के लिए कर्मचारियों को स्मार्ट कार्ड का उपयोग करना होगा। मालूम हो कि अभी तक रेल कर्मचारियों को जब तक चयनित स्वास्थ्य केंद्र का डॉक्टर रेफर नहीं करता था, तब तक उसका इलाज रेलवे के अस्पतालों में नहीं होता था। इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए रेलवे बोर्ड ने कर्मचारियों को राहत देने की कोशिश की है। गौरतलब है कि रेल कर्मचारियों को रिटायरमेन्ट होने के बाद उपचार कराने के लिए प्राइवेट चिकित्सालयों के साथ ही सरकारी चिकित्सालय में भटकना पड़ता है। किन्तु यह योजना शुरू हो जाने से राहत मिलेगी।
अंगूठे के निशान से होगी पहचान
उम्मीद कार्ड बनवाने के लिए कर्मचारियों को रेलवे द्वारा दिया गया मेडिकल कार्ड, आधार कार्ड व फोटो देनी होगी। यही दस्तावेज कर्मचारियों के बच्चों के भी लगेंगे। कार्ड बनाने के लिए कर्मचारियों व बच्चों के अंगूठे के निशान भी लिये जायेंगे और तत्काल की फोटो खींची जायेगी। ताकि यूनिक आईडी बनने पर सही व्यक्ति की तस्दीक आसानी से हो सके।
आयु सीमा में हुई वृद्धि
रेल कर्मचारियों के बच्चों को 25 साल तक रेलवे के अस्पताल में मुफ्त इलाज मिलेगा। इसके लिए बच्चों को 21 वर्ष की आयु के पश्चात प्रतिवर्ष पढ़ाई का सत्यापित प्रमाण पत्र देना होगा। और अगर बच्चों की शादी हो गई तो उन्हें इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि अभी तक रेल कर्मचारियों के 21 वर्ष तक के बच्चों को ही रेल अस्पताल में मुफ्त इलाज का लाभ मिलता रहा। रेलवे बोर्ड ने इस आयु सीमा में 4 वर्ष की वृद्धि कर दी है।