भारत को बदनाम करने की साजिश रचने वाली विदेशी ताकतों के समर्थन में कांग्रेस, जानिए क्या कहा अधीर रंजन चौधरी ने...
कृषि आंदोलन को जरिया बनाकर अब विदेशी ताकतें भारत को घेरने एवं बदनाम करने की तैयारियों में जुट गई हैं. हाल ही में पर्यावरण एक्टिविटिस्ट ग्रेटा
कृषि आंदोलन को जरिया बनाकर अब विदेशी ताकतें भारत को घेरने एवं बदनाम करने की तैयारियों में जुट गई हैं. हाल ही में पर्यावरण एक्टिविटिस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने भारत पर विवादित बयान दिए थें. साथ ही पॉप स्टार रिहाना ने भी भारत में चल रहें किसान आंदोलन का समर्थन किया था. इस पर अब कांग्रेस खुलकर भारत के खिलाफ साजिश रचने वाली विदेशी ताकतों के समर्थन में उतर आई है.
हांलाकि भारत के कई नेता, सेलेब्रिटी विदेशी लोगों को भारत के आतंरिक मामलों पर हस्तक्षेप न करने की नसीहत दी है. बावजूद इसके कांग्रेस ऐसे लोगों का समर्थन कर रही है, जो न सिर्फ भारत विरोधी राग अलाप रहें हैं बल्कि देश को बदनाम करने की साजिश भी रच रहें हैं.
किसान आंदोलन : MSP पर टिकैत का बड़ा बयान, 1 तोला सोने के बराबर 3 क्विंटल गेहूं, पहले यही रेट था, आज भी करे सरकार…
गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पॉप स्टार रिहाना के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान आंदोलन को देश का आंतरिक मामला बता रहे हैं, वहीं अधीर रंजन चौधरी ने विवादित पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा का समर्थन करते हुए कई ट्विट किए हैं.
हाल ही में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट किया है कि अब हम एक ग्लोबल विलेज में रहते हैं. फिर हमें ऐसी आलोचना से डरना क्यों चाहिए. हमें अपने फैसलों पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए. आप सभी किसानों द्वारा उत्पादित भोजन को खाकर बड़े हुए हैं. ठीक ये होगा कि आप भी उन भारतीय किसानों के साथ एकजुटता दिखाएं.
भारतीय लोकतंत्र को विदेशी नागरिकों से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं : BJP
मामले को लेकर अधीर रंजन चौधरी ने एक अन्य ट्वीट भी किया है. इस ट्वीट में चौधरी ने कहा है कि पॉप स्टार रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग ने देश में चल रहे किसान आंदोलन के प्रति एकजुटता दिखाई है. तो हम इतना परेशान क्यों हो रहें हैं?
अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा
वहीं एक अन्य ट्वीट में अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तंज कसा है. उन्होंने लिखा है कि 'हमारे कुछ राष्ट्रवादियों ने अमेरिका में कहा कि 'अबकी बार, ट्रंप सरकार', इसका क्या मतलब था? जब हमने जॉर्ज फ्लॉयड के साथ हुई क्रूरता का विरोध किया, तब तो किसी ने सवाल नहीं किया?'
खालिस्तानियों का टूलकिट शेयर किया था ग्रेटा थनबर्ग ने
दरअसल, 18 वर्षीय पर्यावरण एक्टिविटिस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक पावर पॉइंट सॉफ्टवेयर पर बनाई गई एक टूलकिट हाल ही में शेयर की थी. इस टूलकिट में किसान आंदोलन के सम्बन्ध में प्लानिंग दी गई थी.
किसान आंदोलन को Hollywood के कलाकारों का समर्थन, 6 को 3 घंटे का चक्काजाम….
शुरूआती जांच में पता चला कि यह टूलकिट कनाडा के एक खालिस्तानी समर्थित संगठन द्वारा तैयार की गई है, जिसे ग्रेटा ने शेयर किया है. ऐसे में आशंका है कि ग्रेटा को खालिस्तानियों द्वारा किसान आंदोलन की आड़ में भारत को बदनाम करने के लिए फंडिंग भी की जा रही है.
ग्रेटा ने डिलीट किया ट्वीट
खालिस्तानी संगठन पीस फॉर जस्टिस द्वारा तैयार की गई टूलकिट ग्रेटा द्वारा शेयर करने के बाद जब विवाद बढ़ने लगा तो ग्रेटा ने ट्वीट डिलीट कर दिया. लेकिन इसके पहले कई ही लोगों ने इसके स्क्रीनशॉट सेव कर लिए थें.
क्या लिखा है टूलकिट में
टूलकिट में जो हैडिंग दी गई थी वह कुछ इस तरह की थी "भारत की 'योगा और चाय' की छवि को तोड़ना", "26 जनवरी को प्रवासी भारतीयों में संगठित वैश्विक हंगामा", "कृषि कानूनों को निरस्त करना" आदि। इसी टूलकिट को ग्रेटा ने शेयर किया था, ऐसे में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा ग्रेटा थनबर्ग का समर्थन करना कांग्रेस को सवालों के घेरे में खड़ा कर सकता है.