Petrol-Diesel को GST दायरे में लाने की तैयारी, जानिए कितना सस्ता मिलेगा तेल, जनता, केंद्र और राज्यों पर क्या असर पड़ेगा? समझे पूरा गणित...

अभी पेट्रोल-डीजल का रेट आयल कंपनियां तय करती है. केंद्र सरकार पेट्रोल- डीजल को GST के दायरे में लाने की बैठक करने जा रही है.

Update: 2021-09-16 05:50 GMT

Petrol Diesel Price Today

शुक्रवार को लखनऊ में GST कॉउंसिल की बैठक होनी है. इस बैठक का प्रमुख मुद्दा पेट्रोल, डीजल को GST के दायरे में लाकर आम आदमी को राहत देने का है. अभी पेट्रोल डीजल GST के दायरे से बाहर हैं, जिसके चलते आम लोगों को काफी महंगा मिल रहा है. 

जून में केरल हाईकोर्ट ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट को GST के दायरे में लाने के लिए केंद्र सरकार से विचार करने के लिए कहा था. इसके बाद GST मंत्री समूह ने एक प्रस्ताव तैयार किया है. यदि मंत्री समूह में सहमति बनती है तो इस प्रस्ताव को GST काउंसिल को सौंपा जाएगा. फिर काउंसिल इस पर फैसला लेगी.

कैलकुलेशन से समझते हैं कैसे तय होते हैं पेट्रोल - डीजल के दाम

1 सितंबर को दिल्ली में पेट्रोल का दाम 101.34 रूपए का उदाहरण लेते हैं. तो बिना GST के दायरे में इसके दाम कुछ ऐसे तय होते हैं..

पेट्रोल का बेस प्राइस40.88 रूपए प्रति लीटर 
फ्रेट0.30 रूपए प्रति लीटर
एक्साइज़ ड्यूटी32.90 रूपए प्रति लीटर
डीलर कमीशन3.84 रूपए प्रति लीटर
वैट 23.39 रूपए प्रति लीटर
कुल मूल्य101.34 रूपए प्रति लीटर

इसी तरह 1 सितंबर को दिल्ली में डीजल का दाम 88.77 रूपए का उदाहरण लेते हैं. तो बिना GST के दायरे में इसके दाम कुछ ऐसे तय होते हैं..


पेट्रोल का बेस प्राइस 

41.08 रूपए प्रति लीटर 

फ्रेट 

0.31 रूपए प्रति लीटर

एक्साइज़ ड्यूटी 

31.80 रूपए प्रति लीटर

डीलर कमीशन 

2.59 रूपए प्रति लीटर

वैट

12.99 रूपए प्रति लीटर

डीजल का कुल मूल्य

88.77 रूपए प्रति लीटर

GST के दायरे में आने के बाद 1 सितंबर के हिसाब से प्रति लीटर तेल की कीमत पर जनता, केंद्र, और राज्य सरकार पर असर

जनता परकेंद्र परराज्यों पर
देश भर में पेट्रोल की कीमत 75 और डीजल की कीमत 68 रूपए प्रति लीटर हो सकती है.सरकार के राजस्व में एक लाख करोड़ रूपए की कमी आएगी.राज्यों के राजस्व में 30 हजार करोड़ रुपए तक की कमी आएगी.
पेट्रोल की वर्तमान कीमत से 26 रूपए एवं डीजल की वर्तमान कीमत से 20 रूपए कम में मिलेगा. हांलाकि ये GDP का केवल 0.4%, सस्ता होने से कंजप्शन बढ़ेगा.महाराष्ट्र सरकार को 10,424 करोड़ रूपए का नुकसान होगा, जबकि उत्तरप्रदेश सरकार को 2,419 करोड़ का फायदा हो सकता है.


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