केरल में 'दिमाग खाने वाला अमीबा' का कहर: नहाने के बाद नाक से घुसा, तीन महीने में तीसरी मौत!
केरल के कोझिकोड में 14 साल के मृदुल नामक लड़के की 'दिमाग खाने वाला अमीबा' (नेगलेरिया फाउलेरी) के संक्रमण से मौत हो गई।
केरल के कोझिकोड में 14 साल के मृदुल नाम के लड़के की 'दिमाग खाने वाले अमीबा' (Amoebic Meningoencephalitis) के संक्रमण से बुधवार रात मौत हो गई। मृदुल कुछ दिनों पहले एक तालाब में नहाने गया था, जिसके बाद उसे यह घातक संक्रमण हो गया।
'प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस' (PAM) नामक यह संक्रमण गंदे पानी में पाए जाने वाले 'नेगलेरिया फाउलेरी' नामक अमीबा के कारण होता है। यह अमीबा नाक की पतली त्वचा से शरीर में घुस जाता है और दिमाग को संक्रमित कर मांस खा जाता है।
यह संक्रमण बेहद घातक होता है और समय रहते इलाज न मिलने पर 5 से 10 दिनों के अंदर मरीज की मौत हो सकती है। यह संक्रमण पहले 2023 और 2017 में भी केरल के तटीय अलपुझा जिले में रिपोर्ट किया गया था।
केरल में 'दिमाग खाने वाले अमीबा' के संक्रमण के मामले
- मई 2024: मलप्पुरम की 5 साल की लड़की की मौत।
- जून 2024: कन्नूर की 13 साल की लड़की की मौत।
- जुलाई 2024: कोझिकोड के 14 साल के लड़के की मौत।
संक्रमण का कारण: यह संक्रमण गंदे पानी में पाए जाने वाले 'नेगलेरिया फाउलेरी' नामक अमीबा से होता है, जो नाक से शरीर में घुसकर मस्तिष्क को संक्रमित कर देता है।
लक्षण: बुखार, सिरदर्द, उल्टी और दौरे।
मृत्यु दर: अत्यधिक घातक, संक्रमण के 5 से 10 दिनों के अंदर मृत्यु हो सकती है।
रोकथाम: गर्म ताजे पानी, जैसे झीलों, नदियों और गर्म झरनों में नाक को पानी में जाने से रोकें।
केरल में मामले: 2016 से अब तक 8 मामले सामने आ चुके हैं, सभी मरीजों की मृत्यु हो गई है।
'दिमाग खाने वाले अमीबा' से बचाव
गर्म ताजे पानी, जैसे झीलों, नदियों और गर्म झरनों में नाक से पानी न जाने दें। तैरते समय नाक को क्लिप से बंद कर लें। बच्चों को गंदे पानी में न खेलने दें।