AzadiSAT:आकाश में इतिहास लिखने की तैयारी में इसरो, छात्राओं का बनाया सेटेलाइट होगा लांच

ISRO New SSLV Launch: आजादी के अमृत महोत्सव पर इसरो आकाश में इतिहास लिखने की तैयारी कर चुका है। "आजादी सैट" के नाम से सैटेलाइट लॉन्च (Satellite Launch) होगा।

Update: 2022-08-05 09:15 GMT

ISRO SSLV Launch: इस बार देश की आजादी का 75 वां महोत्सव कुछ खास होने वाला है। क्योंकि इसरो (ISRO) ने 750 लड़कियों के द्वारा बनाया गया सेटेलाइट लांच (Satellite Launch) करेगा। यह आजादी के इस भव्य महोत्सव में चार चांद लगा देगा। या यूं कहें कि इस आजादी के पर्व पर इसरो आकाश में इतिहास लिखने जा रहा है। इस जश्न में यह अपनी तरह का एक खास रियल कार्यक्रम होगा। इसके लिए इसरो ने तैयारी पूरी कर ली है। आजादी का अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) इस सेटेलाइट के लिए गवाह बनेगा। जो आने वाले समय में लोगों के लिए एक प्रेरणादायक सिद्ध होगा।

750 छात्राओं ने किया है तैयार

आजादी के अमृत महोत्सव पर इसरो आकाश में इतिहास लिखने की तैयारी कर चुका है। "आजादी सैट" के नाम से सैटेलाइट लॉन्च (Satellite Launch) होगा। सेटेलाइट की खासियत यह है कि अलग-अलग स्कूल कॉलेज की 750 छात्राओं ने इसे बनाया है। इस सैटेलाइट को बनाने में 6 माह का समय लगा है।

क्या है खास

Azadi Satellite Specification: जानकारी के अनुसार आजादी सेट के नाम के पेलोड को एसएसएलबी के जरिए भेजा जाएगा। इस मिशन में 75 पेलॉट्स लांच किया जाएगा। 75 पिलेट्स का मतलब है कि इस उपग्रह में 75 फेमटो एक्सपरिमेंट, सेल्फी कैमरे जैसे कई सामान होंगे जो लंबी दूरी के संचार ट्रांसपोंडर की तस्वीरें क्लिक करेंगे।

जानकारी के अनुसार इस "आजादी सैट" नामक सैटेलाइट का वजन (Azadi Satellite Weight) 8 किलो हैं। जिसमें 50-50 ग्राम वजन वाले 75 अलग अलग पेलॉ्डस लगे हैं।

क्या है एसएसएलबी

SSLB Kya Hai? वैज्ञानिक भाषा में एसएसएलबी का मतलब है स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (Small Satellite Launch Vehicle) । मतलब यह राकेट छोटे-छोटे सेटेलाइट को लांचिंग का काम करता है। जानकारी के अनुसार इसमें कम वजन वाले सेटेलाइट लोअर अर्थ आर्बिट में छोड़े जाते हैं। इन एसएसएलवी सैटेलाइट (SSLB Satellite) को बड़ी आसानी के साथ अंतरिक्ष में भेजा जा सकता है।

छात्राओं का बढ़ेगा मनोबल

इस एसएसएलबी के लांच होने से देश के नौजवान छात्र छात्राओं का मनोबल बढ़ेगा। छात्रों में साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग तथा मैथमेटिक्स जैसे क्षेत्रों में एक खास लगाव उत्पन्न होगा। जिससे कि वह आने वाले समय में अपने देश को हर मामले में आत्मनिर्भर और उन्नतशील बना सकेंगे। इस सैटेलाइट के लांच होने से देश के हर छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ने और कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिलेगी।

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