किसान सम्मान निधि के लाभ से देश में 1.86 करोड़ अपात्र किसानों को किया बाहर
किसान सम्मान निधि के लाभ से ऐसे किसानों को बाहर करने का सिलसिला जारी है जो इसके अपात्र हैं। देश के 1.86 करोड़ किसान ऐसे मिले हैं जो इसकी पात्रता नहीं रखते ऐसे में इनको इस योजना से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
किसान सम्मान निधि के लाभ से ऐसे किसानों को बाहर करने का सिलसिला जारी है जो इसके अपात्र हैं। देश के 1.86 करोड़ किसान ऐसे मिले हैं जो इसकी पात्रता नहीं रखते ऐसे में इनको इस योजना से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के जरिए हर वर्ष 6 हजार रुपए की मदद प्रदान की जाती है जो कि संबंधित किसानों के खाते में भेजी जाती है।
आधार लिंक से पता चला अपात्र हैं
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की अब तक कई किश्तें जारी की जा चुकी है। सरकार ने 12वीं किश्त जारी करने से पहले किसानों के डेटा को क्लीन करने के लिए जैसे ही आधार लिंक करने वाला चौथा फिल्टर आजमाया तो लाभार्थियों की संख्या घट गई। जानकारी के मुताबिक लाभार्थियों की संख्या गत 6 महीनों में 1.86 करोड़ घट गई। 12वीं किश्त का लाभ पाने के लिए कुल किसान 8.58 करोड़ रह गए जबकि इसके पूर्व 11वीं किश्त में इस योजना का लाभ 10.45 करोड़ से अधिक किसानों को मिला था।
यहां इतनी घटी किसानों की संख्या
कृषि मंत्रालय द्वारा किसानों के डेटा को पारदर्शी बनाने के लिए तीन फिल्टर पहले से लगाए गए थे। इसके बाद आधार लिंक्ड पेमेंट के रूप में चौथा फिल्टर लगाया गया तो लाभार्थी किसानों की संख्या कम होती चली गई। चौथे फिल्टर के बाद उत्तरप्रदेश में 58 लाख किसान घट गए। जबकि पंजाब में यह संख्या 17 लाख से घटकर 2 लाख रह गई। पांच राज्य ऐसे हैं जहां यह संख्या 10 से 15 लाख तक घट गई है। महाराष्ट्र में जहां 11वीं किश्त का लाभ जहां 1,01,25,979 को मिला था वहीं अब इनकी संख्या घटकर 90,38,188 रह गई। वहीं ओडिशा में 33,10,618 किसान थे जो घटकर 21,59,356 पर सिमट गए। राजस्थान की बात करें तो 11वीं किश्त में 71,10,891 किसान पंजीकृत थे जिनकी संख्या घटकर 56,81,489 हो गई। केरल में 34,61,911 में घटकर 20,02,105 और पंजाब में 16,96,355 किसानों को 11वीं किश्त का लाभ मिला था जिनकी संख्या घटकर 2,07,595 पर पहुंच गई है। जबकि कर्नाटक, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, लक्षद्वीप में में लाभार्थियों की संख्या बढ़ी है।
इन चार फिल्टरों से फर्जी लाभार्थियों की हुई पहचान
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ पाने के वास्तविक रूप से कौन हकदार हैं इसकी पहचान के लिए जमीन के रिकॉर्ड के आधार से मिलान किया जा रहा है। वहीं डेटा को यूआईडीएआई सर्वर पर भेजकर पहचान की जा रही है। लाभार्थी के बैंक खाते का प्रमाणीकरण, किसान का डेटा और बैंक खाता का मिलान किया जा रहा है। बैंक एकाउंट प्रमाणित होने के बाद एनपीसीआई से आधार लिंक्ड भुगतान किया जा रहा है। योजना में पादर्शिता और अपात्रों की पहचान करने के लिए किसानों का ई-केवाईसी लागू कर दिया गया है। भुगतान भी आधार पेमेंट ब्रिज के माध्यम से किया जा रहा है। योजना का लाभ पाने से असली हकदार बाहर न हों इसके लिए केन्द्र ने राज्यों के साथ मिलकर गांव-गांव टीम भेजने को भी कहा है।