सेना में नहीं हुआ चयन तो नवरात्रि पर भारत माता की प्रतिमा स्थापित कर जगा रहे देश प्रेम की अलख
MP News: एक युवक सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता था किंतु उसका यह सपना पूरा नहीं हो सका। इसके बाद वह नवरात्रि के अवसर पर भारत माता की प्रतिमा स्थापित कर देशभक्ति की अलख जगाने लगे।
एक युवक सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता था किंतु उसका यह सपना पूरा नहीं हो सका। इसके बाद वह नवरात्रि के अवसर पर भारत माता की प्रतिमा स्थापित कर देशभक्ति की अलख जगाने लगे। इसके साथ ही वह कई प्रकार की मिसाइल बनाकर उनकी झांकी भी निकालते हैं। उनके द्वारा लगातार 36 वर्षों से भारत माता की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। मामला मध्यप्रदेश के दमोह जिले का है।
स्वदेशी सैन्य पराक्रम दर्शाने वाले हथियारों की बनवाते हैं झांकी
एमपी दमोह के पुराना थाना निवासी दीपक साहू सेना में भर्ती होना चाहते थे किंतु उनका यह सपना अधूरा ही रह गया। जिसके बाद वह लोगों में देश प्रेम की भावना जगाने का कार्य कर रहे हैं। शारदीय नवरात्रि पर लोग मां दुर्गा की स्थापना करते हैं किंतु दीपक साहू द्वारा भारत माता की झांकी स्थापित की जाती है। क्वार की नवरात्रि में दशहरा चल समारोह निकलता है। उसमें उनकी भारत का स्वदेशी सैन्य पराक्रम दिखाने और लोगों को देश के प्रति जागरुक करने के लिए झांकी निकलती है। वह स्वयं की राशि से स्वदेशी सैन्य पराक्रम के हथियारों की झांकी बनवाते हैं।
शासकीय सेवा में हैं पदस्थ
दमोह निवासी दीपक साहू भू-अभिलेख कार्यालय में मानचित्रकार व अनुलेखन के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने बताया कि वह सेना में जाना चाहते थे। चयन होने के बाद चरित्र प्रमाण पत्र न बनने की वजह से वह सेना में ज्वाइन नहीं कर सके। किंतु देशभक्ति में कोई कमी नहीं होने की। वह हर वर्ष नवरात्रि पर इमलाई गांव में भारत माता की तकरीबन 15 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करते हैं। वह अब तक आकाश मिसाइल, अर्जुन टैंक, फाइटर प्लेन 20, पृथ्वी मिसाइल, ब्रह्मोस, अग्नि, त्रिशूल सहित अनेक मिसाइल तैयार कर उनकी झांकी निकल चुके हैं।
1992 से स्थापित कर रहे प्रतिमा
र्व्ष 1992 से ही दीपक लगातार भारत माता की झांकी स्थापित कर रहे हैं। वह पूरे जिले में चर्चित हैं और लोग ऐसे देश प्रेमी युवक की काफी तारीफ भी करते हैं। दीपक ने बताया कि वर्ष 1982 में वह हॉकी खेलने के लिए इमलाई जाते थे। जहां कुछ लोगों ने जानकारी दी कि यहां मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित नहीं की जा सकती है। आसपास के लोगों से इसका कारण जाना तो पता चला कि जो प्रतिमा स्थापित करता है उसकी मौत हो जाती है। जिसके चलते उन्होंने खिलाड़ियों के साथ यह निर्णय लिया गया कि यहां मां दुर्गा की जगह भारत माता की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं।