MP News: ग्वालियर में 9 मानकों पर खरा उतरने के बाद आकार लेता है तिरंगा, 55 दिन लगती है कड़ी मेहनत

एमपी के ग्वालियर में राष्ट्रध्वज (तिरंगा) तैयार किया जाता है। जिसको राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर फहराकर हम गर्व की अनुभूति करते हैं।

Update: 2023-01-26 10:56 GMT

एमपी के ग्वालियर में राष्ट्रध्वज (तिरंगा) तैयार किया जाता है। जिसको राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर फहराकर हम गर्व की अनुभूति करते हैं। ग्वालियर के मध्य भारत खादी संघ में ब्यूरो आफ इंडियन (बीआईएस) का आईएसआई प्रमाणित भारतीय तिरंगा बनाया जाता है। आप यह भी जान लें कि देश में केवल दो ही ऐसे संस्थान हैं जहां उच्च मानक वाला तिरंगा तैयार किया जाता है। 9 मानकों में खरा उतरने के बाद तिरंगा झंडा आकार लेता है। जिसमें 55 दिन की कड़ी मेहनत लगती है।

16 राज्यों में भेजे जाते हैं तिरंगा

देश भर में फहराए जाने वाले राष्ट्रीय ध्वज में से 40 प्रतिशत ग्वालियर में बनाए जाते हैं। ग्वालियर से देश के 16 राज्यों में तिरंगा तैयार कर भेजे जाते हैं। ग्वालियर के जीवाजी गंज में मध्य भारत खादी संघ की वर्कशाप है। जहां स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस से कुछ महीने पहले से कारीगर जुट जाते हैं। दिन-रात काम में जुटने के बाद कड़ी मेहनत से तिरंगा तैयार किए जाते हैं। ताकि देश भर में फहराए जाने वाले तिरंगा की पूर्ति की जा सके।

कई चरणों में पूरी होती है प्रक्रिया

तिरंगा बनाने की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी की जाती है। इसमें कपास की कताई, बुनाई, डाई सहित नौ मानकों पर खरा उतरने के बाद तिरंगा आकार लेता है। इसमें कई कारीगरों और बुनकरों द्वारा कड़ी मेहनत की जाती है। मध्य भारत खादी संघ की लैब इंचार्ज मीनू मैकाले के मुताबिक झंडे को बांधने वाली रस्सी और लकड़ी की गुल्ली भी खास होती है। इसमें लगने वाली रस्सी देश में कम ही पाई जाती है। सीसल वुड की इस रस्सी को पहले विदेश से मंगाया जाता था किंतु अब यह पश्चिम बंगाल में ही मिल जाती है।

देश में दो स्थानों पर बनता है तिरंगा

देश में तिरंगा झंडा तैयार करने का काम दो स्थानों पर किया जाता है। मध्यप्रदेश के ग्वालियर और कर्नाटक के हुबली में तिरंगा बनाए जाते हैं। पूर्व में महाराष्ट्र के मुंबई में भी तिरंगा बनाए जाते थे किंतु अब यह नहीं बनाए जाते। ग्वालियर में तैयार किए गए तिरंगा की डिमांड देश के 16 राज्यों में है। इसके लिए खादी संघ द्वारा नई मशीनें भी लगाई गई हैं। जहां लैबोरेटरी में टेस्ट करके 9 मानकों के आधार पर झंडे बनाकर सप्लाई किए जाते हैं। ग्वालियर में तैयार किया गया झंडा एमपी के अलावा उत्तरप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, अंडमान, ओडिशा, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, निकोबार सहित देश की एम्बेसी सहित अन्य शासकीय और अर्द्ध शासकीय संस्थानों में भेजा जाता है।

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