Israel-Hamas War: इजराइल-हमास युद्ध में फंसी एमपी के टीकमगढ़ जिले की छात्रा, पिता को फोन पर बताई यह बात

MP News: मध्यप्रदेश की एक छात्रा भी इजराइल-हमास युद्ध में फंस गई है। वह टीकमगढ़ जिले के शिव धाम कुंडेश्वर की रहने वाली है। छात्रा स्वाति सिरोटिया 2020 में एग्रीकल्चर से एमएससी करने के लिए इजराइल गई थीं।

Update: 2023-10-11 10:54 GMT

मध्यप्रदेश की एक छात्रा भी इजराइल-हमास युद्ध में फंस गई है। वह टीकमगढ़ जिले के शिव धाम कुंडेश्वर की रहने वाली है। छात्रा स्वाति सिरोटिया 2020 में एग्रीकल्चर से एमएससी करने के लिए इजराइल गई थीं। उनका कोर्स इसी महीने कम्पलीट होने के बाद उन्हें घर वापस लौटना था किंतु हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला कर दिया जिससे वह वहां पर फंस गईं।

हॉस्टल में जो है इंतजाम उसी से चल रहा काम

एमपी टीकमगढ़ जिले की छात्रा स्वाति सिरोटिया ने अपने पिता को फोन पर बताया कि सायरन बजते ही डेढ़ मिनट के अंदर बंकर में जाना पड़ता है। जो कुछ खाने-पीने का इंतजार हॉस्टल के अंदर है उसी से काम चल रहा है। छात्रा के पिता राजेन्द्र सिरोटिया का कहना है कि स्वाति येरूशलम की हिब्रू एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से मास्टर्स कर रही हैं। गत वर्ष अक्टूबर महीने में वह घर आई थीं। एक महीने तक वह यहां पर रुकीं इसके बाद फिर इजराइल चली गई थीं। स्वाति की डिग्री इसी महीने कम्पलीट हो रही है। मंगलवार की सुबह स्वाति से फोन पर उनकी बात हुई। छात्रा ने बताया कि वह फिलहाल हॉस्टल में सुरक्षित है। वह थीसिस के लिए वहां पर रुकी हुई थीं।

16 अक्टूबर का था फ्लाइट टिकट

छात्रा की बड़ी बहन मीनल के मुताबिक स्वाति ने भारत वापस लौटने के लिए 16 अक्टूबर का फ्लाइट टिकट कराया था। उसके कई अन्य साथी भी टिकट कराए थे किंतु फ्लाइट कैंसिल हो गई। छात्रा के पिता राजेन्द्र सिरोटिया ने अपनी बेटी को सुरक्षित भारत लाने के लिए केन्द्र और प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है। उन्होंने इस संबंध में जिला प्रशासन को पत्र भी सौंपा है।

भारत के हजारों लोग फंसे

स्वाति ने अपने परिजनों से वीडियो कॉल करते हुए बताया कि इजराइल में केवल एक एयर लाइन चल रही है। यह डायरेक्ट इंडिया के लिए फ्लाइट है। जो 14 अक्टूबर तक बंद है। छात्रा का कहना था कि हमारे लिए एंबेसी ने कुछ नहीं किया। कोई मदद नहीं की। स्पैनिश गवर्नमेंट ने प्लेन भेजकर स्पेन के छात्रों को एयरलिफ्ट कर लिया है। यहां पर भारत के लगभग दो या तीन हजार बच्चे होंगे। उसने परिजनों को बताया कि उसके कैम्पस में ही भारत के 25 से 30 बच्चे हैं। हम यहां बंकर में ही रह रहे हैं।

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