सीधी: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बनी जानलेवा, पढ़िए पूरी खबर
सीधी (विपिन तिवारी ) । कोरोना संक्रमण को लेकर सीधी जिले का स्वास्थ्य विभाग अपने लापरवाही की सभी हदें पार कर चुका है और कल रात इसी का एक दिल दहला देने वाला परिणाम भी सामने देखने को मिला। रीवा के लिए रेफर होने के उपरांत 5 घंटे तक एंबुलेंस उपलब्ध ना हो पाने के कारण एक युवा व्यवसाई की तड़प-तड़प कर मौत हो गई।
सीधी जिले के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कल खुलकर सामने आई और कोरोना संक्रमित मरीजों को लेकर जो आरोप जिले के स्वास्थ्य अमले पर लगाए जाते थे वो पूरी तरह सामने आ गए। जिस कोरोना संक्रमित एक मरीज को कल मंगलवार की शाम तकरीबन 6 बजे रीवा के लिए रेफर किया गया था उसके परिजनों को रात 11 बजे तक एंबुलेंस के इंतजार में अपने मरीज को तिल-तिल कर मरते देखा गया।
सनद रहे सीधी शहर के जिला न्यायालय के बगल में स्थित शॉपिंग कंपलेक्स में प्रेम स्वीट्स के बगल में प्रकाश कंप्यूटर की दुकान के संचालक 40 वर्षीय निशांत प्रकाश श्रीवास्तव जो रिटायर्ड प्राचार्य वेद प्रकाश श्रीवास्तव के सुपुत्र थे उन्हें 21 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर जिला अस्पताल परिसर के आइसोलेशन वार्ड में कल 22 सितंबर को सुबह 8 बजे भर्ती कराया गया था।
निशांत प्रकाश श्रीवास्तव की तबीयत कल मंगलवार को अचानक ज्यादा खराब होने के कारण उन्हें शाम तकरीबन 6 बजे आइसोलेशन वार्ड के प्रभारी डॉ. जान ने रीवा के लिए रेफर कर दिया था।रीवा के लिए रेफर होने के उपरांत निशांत प्रकाश श्रीवास्तव के परिजन बेसब्री के साथ एंबुलेंस का इंतजार करने लगे पर जिले की चिकित्सा सेवाओं का आलम यह रहा कि 5 घंटे बाद भी रात 11 बजे तक उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी। इस दौरान लगातार कोरोना पेशेंट निशांत की तबीयत खराब होती चली गई और रात 11 के उपरांत जब एंबुलेंस वाहन आइसोलेशन सेंटर में पहुंचा तो आनन-फानन मरीज को उस में शिफ्ट किया जाने लगा।