MP Politics: शिवराज का टल गया संकट? सिंधिया गुट तथा नाराज पुराने भाजपाइयों को साधने की बड़ी पहल
CM Shivraj Singh MP News: भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) को लेकर कई बड़े निर्णय ले चुका है।
CM Shivraj Singh MP News: भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) को लेकर कई बड़े निर्णय ले चुका है। निर्णय में सबसे बड़ा निर्णय तो यह है कि केंद्रीय नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि प्रदेश स्तर पर कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होगा। जो जहां है जैसा है वह पूरे जोर के साथ मिलजुल कर रणनीति तैयार करते हुए विजय श्री की ओर आगे बढ़े।
लेकिन जैसे ही यह निर्णय केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से मिला उसके बाद विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ एक औपचारिक बैठक की। इस बैठक के बाद माना गया कि शिवराज सिंह का संकट समाप्त हो गया है। सिंधिया गुट तथा पुराने भाजपाइयों को साधने मे सफलता मिली है।
शुरू है चुनाव की पुरजोर भीतरी तैयारी
मध्य प्रदेश में इस वर्ष आखिरी महीने तक में विधानसभा के चुनाव होने हैं। पिछली दफा विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता में रहने के बाद भी सत्ता गंवा चुकी थी। कांग्रेस ने सरकार बनाई लेकिन कांग्रेस की आपसी फूट का फायदा भाजपा को मिला। भाजपा ने पुनः सरकार बना ली। लेकिन इस बार भाजपा का पूर्ण प्रयास है के वह जोड़-तोड़ से नहीं अपने दम पर चुनाव जीतकर सरकार बनाएं इसके लिए पुरजोर तरीके से भीतरी तैयारी शुरू कर दी गई है।
केंद्र का संकेत
सूत्रों से पता तो यह भी चल रहा है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। ऐसे में स्पष्ट हो जाता है कि जो जहां है वह वहीं से चुनावी तैयारी में जुट जाए। वहीं केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट कहा है कि सभी को साथ लेकर पूरी ताकत के साथ चुनावी तैयारी मे जुट जाना होगा।
हुई अनौपचारिक बैठक
जानकारी मिल रही है कि जैसे ही केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा यह संकेत मिला उसके बाद पार्टी की एक अनौपचारिक बैठक बड़े नेताओं के साथ हुई। इस बैठक में प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के साथ ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय जैसे बड़े नेता शामिल रहे। बैठक में कई अहम मुद्दों पर खास तौर पर पुराने भाजपाइयों को संतुष्ट करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। साथ में कांग्रेस से भाजपा में आए और प्रदेश में पुनः सत्ता दिलवाने में अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ आये गुट के लोग पर भी ध्यान देने की बात कही गई।
निकलेगा बीच का रास्ता
बताया जाता है कि इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। पार्टी सिंधिया कैंप को भी उचित सम्मान देने के लिए तैयार दिख रही थी। तो वही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को जो लंबे समय तक प्रदेश के मामलों में नजरअंदाज किए जा रहे थे उन्हें भी सा सम्मान संतुष्ट करने की बात कहीं गई।