Ratlam Ragging Case: रैगिंग करने वाले मेडिकल कॉलेज के 11 छात्र निलंबित, थाने में दर्ज कराया गया प्रकरण

Ratlam Ragging Case: एक वर्ष के लिए निलंबित छात्र चार व छः माह के लिए निलंबित किए गए छात्र दो सेमेस्टर पीछे हो जाएंगे।

Update: 2022-08-01 07:06 GMT

Ratlam Ragging Case: मप्र के रतलाम में सैलाना रोड स्थित शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय (Ratlam Medical College) में जूनियर छात्रों की रैगिंग करने वाले 11 छात्रों (Medical Students) को निलंबित कर दिया गया है। इन निलंबित 11 छात्रों में से सात को एक वर्ष के लिए व चार को छः माह के लिए निलंबित किया गया है। सभी छात्रों को हमेशा के लिए छात्रावास से निलंबित करने का भी निर्णय महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा लिया गया है। सात छात्रों के खिलाफ औद्योगिक क्षेत्र थाने में मारपीट का प्रकरण भी दर्ज कराया गया है। एक वर्ष के लिए निलंबित छात्र चार व छः माह के लिए निलंबित किए गए छात्र दो सेमेस्टर पीछे हो जाएंगे।

गौरतलब है कि 28 जुलाई की रात 12 बजे से 1 बजे के बीच हॉस्टल परिसर में कुछ सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को कतार में खड़ा कर उन पर थप्पड बरसाए थे। मौके पर पहुंचे वार्डन पर शराब की बोतल फेंकी थी। किसी छात्र ने मारपीट और रैगिंग का वीडियो बना लिया था। यही वीडियो कॉलेज की कमेटी को भी भेजा गया था। मामला उजागर होने पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने एंटी रैगिंग कमेटी को जांच सौंपी। कमेटी ने जांच पूरी कर कॉलेज प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी और आरोपी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की।

इन पर दर्ज हुआ प्रकरण

हॉस्टल वार्डन अनुराग जैन ने औद्योगिक थाने मे जो आवेदन दिया है उसके अनुसार पुलिस ने छात्र नीलेश पाटीदार निवासी ग्राम हतनारा थाना पिपलौवा, मुकेश निनामा निवासी ग्राम अंबापाड़ा थाना सैलाना, पियूष पाटीदार बामनखेड़ी थाना आलोट, करण मेड़ा रिछी थाना सरवन सभी रतलाम शामिल है। इनके अलावा दीपक निगवाल धार, विशाल निवासी संधारा, भानपुरा मंदसौर और सावन कलमे धार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

इंदौर एमजीएम में नहीं हुई कार्रवाई

इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में भी 10 दिन पहले रैगिंग किए जाने का मामला सामने आया था। प्रथम वर्ष के एक छात्र ने राष्ट्रीय एंटी रैगिंग कमेटी को इसकी शिकायत की थी। इसक बाद कॉलेज प्रबंधन ने अज्ञात छात्रों के खिलाफ संयोगितागंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी किसी छात्र के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस आरोपी छात्रों को चिन्हित करने का दावा तो कर रही है, लेकिन कार्रवाई करने से बच रही है।

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