पुलिस जवानों की कैदियों जैसी हो रही चेकिंग, वर्दी व अंडरगारमेंट तक उतरवाकर ले रहे तलाशी
MP News: एमपी की एक हाई सिक्योरिटी सेंट्रल जेल का मामला सामने आया है जहां जवानों की घटिया और शर्मनाक तरीके से तलाशी ली जा रही है।
एमपी की एक हाई सिक्योरिटी सेंट्रल जेल का मामला सामने आया है जहां जवानों की घटिया और शर्मनाक तरीके से तलाशी ली जा रही है। जवानों ने आरोप लगाया है कि जेल मैनुअल को दरकिनार कर इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। जेल प्रहरियों का कहना है कि यहां वर्दी, जूते-मोजे के साथ उनके अंडरगारमेंट्स तक की तलाशी ली गई। मामले को लेकर जवानों ने विरोध भी दर्ज कराया है।
20 जवानों की उतरवाई वर्दी
मामला भोपाल की हाई सिक्योरिटी सेंट्रल जेल का है। जेल प्रहरियों द्वारा यहां नियम विरुद्ध और अमर्यादित तरीके से सबके बीच जांच किए जाने का आरोप लगाया है। जवानों का कहना है कि जेल अधीक्षक राकेश भंगारे द्वारा 4 फरवरी की रात 20 जवानों को एक साथ लाइन में खड़ा कर उनकी वर्दी उतरवाई। इसके साथ ही अंडरगारमेंट्स और प्राइवेट पार्ट्स तक की तलाशी ली गई। मामले को लेकर 4 और 8 फरवरी को विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई थी। जवानों ने यह भी आरोप लगाया कि अफसरों की तलाशी क्यों नहीं ली जा रही है जबकि उनकी कैदियों जैसी तलाशी ली जा रही है। यहां उल्लेखनीय है कि अधीक्षक द्वारा आरोप लगाया गया है कि यहां सख्ती होने के बावजूद जेल के भीतर चरस, गांजा और ब्लेड पहुंच रही है।
तलाशी के जेल मैनुअल के नियम
जेल मैनुअल में दिए गए तलाशी नियमों के बारे में पूर्व डीआईजी लालजी मिश्रा ने बताया कि यदि किसी की तलाशी लेना आवश्यक है तो अलग कमरे में ले जाकर यह कार्य किया जाना चाहिए, जिससे उसकी मर्यादा भंग न हो। सार्वजनिक रूप से एक साथ खड़ा करके इस तरह तलाशी लिया जाना गलत है। अलग कमरे में भी तलाशी मर्यादित ढंग से ली जानी चाहिए। सूत्रों की मानें तो जेल में सिपाही को प्रहरियों की तलाशी के काम में लगाया गया है। जबकि जानकारों का कहना है कि नियमानुसार तलाशी लेने का अधिकारी हेड कांस्टेबल को है।
इनका कहना है
इस संबंध में भोपाल सेंट्रल जेल के अधीक्षक राकेश भंगारे का कहना है कि जेल के अंदर जवानों द्वारा चोरी-छिपे नशीले पदार्थ पहुंचाने की जानकारी मिली थी। एक कैदी के पास कुछ दिन पूर्व ही ब्लेड भी पाई गई थी। जिसके कारण यह तलाशी ली जा रही है। उनका कहना है कि सख्ती जरूरी है। जिस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व भी वह जिस जेल में पदस्थ रहे हैं वहां भी ऐसे ही तलाशी ली जाती थी।