एमपी में सेक्रेटरी ने किया 2 करोड़ से ज्यादा का फ्रॉड, किसानों से पैसे लेकर सोसायटी में नहीं जमा किए
MP News: मध्यप्रदेश के उज्जैन में 2 करोड़ रुपए से ज्यादा का फ्रॉड किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। यह फ्रॉड सहकारी संस्था के सेक्रेटरी द्वारा किया गया।
मध्यप्रदेश के उज्जैन में 2 करोड़ रुपए से ज्यादा का फ्रॉड किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। यह फ्रॉड सहकारी संस्था के सेक्रेटरी द्वारा किया गया। यहां 550 से ज्यादा किसानों से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के रुपए लिए किंतु इन पैसों को किसानों के खाते में जमा नहीं किया। बिना बताए खाते से रुपए भी ले लिए। किसान जब लोन लेने के लिए बैंक पहुंचे तो उन्हें ओवरड्यू की जानकारी हुई। जिसके बाद कई बाद उज्जैन स्थित सेवा सहकारी संस्था कार्यालय पहुंचे, जहां प्रदर्शन करते हुए संस्था में ताला जड़ दिया।
क्या है मामला
उज्जैन जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर सेवा सहकारी संस्था मर्यादित लेकोड़ा स्थित है। जहां पिछले 20 वर्षों से सेक्रेटरी के पद पर निशिकांत चव्हाण पदस्थ हैं। किसानों की मानें तो लेकोड़ा सहकारी संस्था में पांच गांव के 700 किसान रजिस्टर्ड हैं। जिसमें लेकोड़ा, लिम्बा, पिपलिया, ककरिया और मुंडला गांव के किसान हैं। यह केसीसी के माध्यम से लोन लेते रहते हैं। जब फसल आती है तो जमा भी करते हैं। निशिकांत लंबे समय से यहां पदस्थ हैं जिन पर किसानों को विश्वास था। किसानों के मुताबिक वह पैसा जमा करने के लिए सेक्रेटरी को ही दिया करते थे। विड्रॉल के लिए पर्ची पर हस्ताक्षर कर दे देते थे। निशिकांत उज्जैन से पैसे लाकर किसानों को दे देता था। किसान लोन देकर समय-समय पर चुकता भी कर देते थे। निशिकांत ने पिछले 6 महीने पहले लिए गए लोन की किस्त, बीमा और खाद-बीज की राशि किसानों से ले ली किंतु उसको उनके खाते में नहीं जमा किया। निशिकांत ने बकायदा सील लगी हुई विड्रॉल और जमा पर्ची भी किसानों को दी।
किसान लोन लेने गए तो खुला राज
किसान राकेश पटेल का कहना था कि निशिकांत चव्हाण 5 महीने से कार्यालय नहीं आ रहा था। पैसे जमा करने के लिए किसानों के पास समय-समय पर मैसेज भी आते थे। उनका कहना था कि वह केसीसी से 56 हजार रुपए का लोन लिए थे। फसल आने पर निशिकांत को उन्होंने रुपए जमा करने के लिए दे दिए थे। जब दोबारा लोन लेने के लिए वह बैंक पहुंचे तो यहां सवा लाख रुपए का ओवरड्यू बता दिया गया। यह सुनकर वह हक्के-बक्के रह गए। उन्होंने गांव आकर अन्य किसानों को यह बात बताई। अन्य किसान जब बैंक में पता किए तो उनके खाते में भी ओवरड्यू चल रहा था। जिसके बाद किसानों को माजरा समझ में आ गया और वह आक्रोशित हो गए।
लिमिट से ज्यादा खाते से निकाले रुपए
वहीं एक अन्य किसान अंबाराम के मुताबिक उन्हें भी कई बार राशि जमा करने का मैसेज मिला। उन्होंने भी समस्त किस्त जमा कर दी थी किंतु जब वह राशि निकालने पहुंचे तो पता चला कि बकाया बढ़कर डबल हो गया है। इतना ही नहीं राशि भी खाते से लिमिट से ज्यादा निकाली गई। जबकि एक अन्य किसान का कहना है कि उन्होंने 84 हजार लोन लिया था। 1 लाख 24 हजार रुपए जमा कर चुके हैं संस्था में गए तो पता चला कि 1 लाख 15 हजार उन्हें और जमा करना है। ऐसे में 100 से अधिक किसान एकत्रित होकर उज्जैन के कलेक्ट्रेट में मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में पहुंच गए। किसानों ने प्रदर्शन करते हुए आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की।
सेक्रेटरी को किया सस्पेंड
आक्रोशित किसान जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की मुख्य शाखा भरतपुरी पहुंचे जहां पर अधिकारियों द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने पर किसान आक्रोशित हो उठे। उन्होंने बैंक के बाहर ताला जड़ते हुए प्रदर्शन करना प्रारंभ कर दिया। इस दौरान बैंक अधिकारियों से उनकी बहस भी हुई। सूचना मिलने पर सहकारी केन्द्रीय बैंक के एमडी विशेष श्रीवास्तव पहुंचे। जिनके द्वारा बताया गया कि सेक्रेटरी निशिकांत चव्हाण को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही उन पर केस दर्ज करवाया जाएगा। उनका दावा है कि किसानों से तकरीबन 2 करोड़ के गबन का मामला है।