MP Gehu Uparjan Registration Last Date: किसानो के लिए जरूरी खबर, समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए रजिस्ट्रेशन की लास्ट डेट बढ़ी
MP Gehu Uparjan Registration Last Date: रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन की अवधि बढ़ा दी गयी है।
MP Gehu Uparjan Registration Last Date: खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया है कि रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन की अवधि बढ़ा दी गयी है।
अब रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए किसान 16 मार्च तक पंजीयन करा सकेंगे। पूर्व में पंजीयन की तारीख 10 मार्च थी। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने पंजीयन वृद्धि संबंधी आदेश जारी कर दिये हैं।
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उद्यानिकी फसलों के बीज परीक्षण के लिये म.प्र. में बनेंगी प्रयोगशालाएँ : उद्यानिकी मंत्री श्री कुशवाह
मध्यप्रदेश में उद्यानिकी फसलों के बीज परीक्षण के लिये प्रयोगशालाएँ स्थापित की जायेंगी। राज्य सरकार एक जिला-एक नर्सरी योजना के तहत नर्सरियों को हाईटेक नर्सरी के रूप में विकसित करेगी। उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह ने यह जानकारी उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग द्वारा “आधुनिक तकनीकी से उद्यानिकी का समग्र विकास’’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में दी।
मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि लघु एवं सीमांत किसानों को उद्यानिकी की ओर आकर्षित करने के लिये आवश्यक है कि उन्हें उद्यानिकी फसलों के प्रमाणित बीज और पौध आसानी से उपलब्ध कराये जायें। उन्होंने कहा कि इसके लिये उद्यानिकी विभाग प्रदेश में उन्नत बीज परीक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित करेगा। उन्होंने दो दिवसीय कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञों द्वारा दिये गये सुझावों पर भी विस्तृत कार्य-योजना तैयार करने के निर्देश दिये।
कार्यशाला के प्रथम सत्र में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री एस.एन. मिश्रा ने कहा कि उद्यानिकी गतिविधियाँ कृषि का महत्वपूर्ण घटक है। किसानों की सम्पन्नता के लिये उन्हें कृषि के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों के प्रति आकर्षित किया जाना आवश्यक है।
प्रमुख सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण श्री सुखवीर सिंह ने कहा कि कृषकों को उद्यानिकी फसलों की ओर आकर्षित करने के साथ-साथ उन्हें नवीन तकनीकी और उत्पादित माल की विक्रय प्रक्रिया पर भी योजना बनाई जा रही है। कार्यशाला में आये सुझावों पर उद्यानिकी और खाद्य प्र-संस्करण विभाग द्वारा समय-सीमा में कार्यवाही की जायेगी।
तकनीकी सत्र में नागपुर के वैज्ञानिक डॉ. आर.के. सोनकर द्वारा नीबू वर्गीय फलों के गुणवत्तापूर्ण उत्पादन, प्र-संस्करण एवं विपणन पर, वाराणसी के वैज्ञानिक श्री शैलेष तिवारी ने मध्यप्रदेश में संकर सब्जी बीज उत्पादन की संभावनाओं पर, वैज्ञानिक डॉ. आर.के. जायसवाल ने फल-पौध नर्सरी के अनिवार्य घटक, डॉ. के.वी.आर. राव द्वारा मध्यप्रदेश उद्यानिकी फसलों की संरक्षित खेती की संभावनाओं पर तकनीकी, उप संचालक श्री ए.के. तोमर द्वारा नर्सरी एक्रीडेशन करने के मापदण्ड और सुझावों पर अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग के संचालक श्री एम. सेलवेन्द्रन सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।