MP Food Scam : पोषण आहार वितरण में 110 करोड़ रुपए से ज्यादा का फर्जीवाड़ा

MP Food Scam : मध्य प्रदेश अकाउंटेंट जनरल की 36 पन्ने कि रिपोर्ट में बताया गया है कि महिला बाल विकास विभाग (Mahila Bal Vikas Vibhag) में बड़ा घोटाला किया गया है।;

Update: 2022-09-06 06:51 GMT
MP Food Scam : पोषण आहार वितरण में 110 करोड़ रुपए से ज्यादा का फर्जीवाड़ा
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MP Ration Scam News In Hindi: मध्यप्रदेश में पोषण आहार वितरण (MP Phoshan Aahar Vitran) में बड़े पैमाने पर अनियमितता का खुलासा हुआ है। मध्य प्रदेश के महालेखाकार ने जांच में इस बात का खुलासा करते हुए बताया है कि महिला बाल विकास में एक बड़ा घोटाला (Mahila Bal Vikas Scam) हुआ है। करोड़ों के पोषण आहार जिस वाहन में लाया गया जब उसकी जांच की गई तो पता चला कि वह तो मोटरसाइकिल और ऑटो के नंबर हैं। साथ ही यह भी जानकारी मिली की जो बच्चे स्कूल नहीं जाते थे उनके नाम पर भी राशन बांटा (Ration Scam) गया। वही पोषण आहार उत्पादन दर और बिजली की खपत में अंतर पाया गया है। ऐसे में अनुमान लगाया गया है कि करीब 110.83 करोड़ रुपए का राशन फर्जीवाड़ा (Food Scam) किया गया।

निकले ट्रक की जगह मोटरसाइकिल और ऑटो के नंबर

मध्य प्रदेश अकाउंटेंट जनरल की 36 पन्ने कि रिपोर्ट में बताया गया है कि महिला बाल विकास विभाग (Mahila Bal Vikas Vibhag) में बड़ा घोटाला किया गया है। सामग्री परिवहन के लिए जिन वाहनों का उपयोग और उनका नंबर कार्यालय को दिया गया था। जब उसका मिलान किया गया पता चला कि यह तो मोटरसाइकिल, कार, ऑटो और टैंकर के नंबर है। इनके द्वारा कोई परिवहन नहीं किया गया।

जानकारी के अनुसार 6 कारखानों से 6.94 करोड़ रुपए की लागत से 1125.64 मीट्रिक टन राशन इन्हीं नंबरों के वाहनों से किया गया। लेकिन वह वाहन तो मोटरसाइकिल और ऑटो के निकले।

उत्पादन में भी हुई हेरा फेरी

जानकारी के अनुसार राशन निर्माण संयंत्रों में भी अनुमानित क्षमता से अधिक का उत्पादन दिखाया गया। इस बात को जांचने के लिए जब कच्चे माल और बिजली के बिल की खपत की तुलना की गई तो पता चला कि इसमें 58 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई है।

मुख्यमंत्री के पास है विभाग

इस घोटाले को लेकर विपक्ष सत्तापक्ष पर काफी हमलावर हो गया है। जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में यह महिला बाल विकास विभाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chouhan) के पास है। इस पूरे मामले में अभी तक न तो मुख्यमंत्री की ओर से और न ही उनके कार्यालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया दी गई है।

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