एमपी धार के डही जनपद में कन्यादान योजना से होने थे विवाह, घटिया सामग्री देख आयोजन ही कर दिया निरस्त
MP News: मध्यप्रदेश के समूचे जिलों में इन दिनों मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का आयोजन किया जा रहा है। किंतु वधुओं को कन्यादान के रूप में सरकार की ओर से दी जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता पर ही प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं।
मध्यप्रदेश के समूचे जिलों में इन दिनों मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का आयोजन किया जा रहा है। किंतु वधुओं को कन्यादान के रूप में सरकार की ओर से दी जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता पर ही प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं। ऐसा ही एक मामला एमपी के धार अंतर्गत डही जनपद का सामने आया है। जहां विवाह समारोह में शामिल होने वाले जोड़ों को कन्यादान के रूप घरेलू कार्य में उपयोगी सामग्री सरकार की तरफ से दी जानी थी। किंतु जब इस सामग्री की गुणवत्ता देखने अफसर पहुंचे तो इसे घटिया करार दे दिया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत यहां होने वाले विवाह समारोह को ही निरस्त कर दिया गया।
किरकिरी से बचने आयोजन किया निरस्त
धार के जनपद पंचायत डही में 15 मार्च यानी आज मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत विवाह समारोह का आयोजन किया जाना था। किंतु सामग्री की घटिया सप्लाई होने का मामला सामने आया जिसके बाद समारोह को ही निरस्त कर दिया गया। सामग्री की जांच एसडीएम नवजीवन विजय पंवार और अधिकारियों द्वारा की गई थी। जांच के दौरान एसडीएम ने ही सामग्री की क्वालिटी को घटिया बताया और आयोजन को निरस्त करने के लिए भी कहा। बताया गया है कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत यहां होने वाले आयोजन की सारी तैयारियां कर ली गई थीं किंतु किरकिरी से बचने के लिए आयोजन को निरस्त कर दिया गया।
मनावर में भी ऐसा मामला आया था सामने
इसके पूर्व जनपद पंचायत मनावर में भी इसी तरह का मामला सामने आया था। यहां मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह समारोह योजना के तहत जनप्रतिनिधियों द्वारा सामग्री का वितरण करवाया जा रहा था। जिस पर सांसद छतर सिंह दरबार ने सामग्री घटिया होने का मामला उठाया था। इस मामले में जनपद पंचायत मनावर के सीईओ पर कार्रवाई भी हुई थी। अब दोबारा इसी तरह का मामला धार के डही का प्रकाश में आने के बाद आयोजन निरस्त कर दिया गया। जिसके बाद घटिया सामग्री खरीदी मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। पूर्व मंत्री एवं कुक्षी विधायक सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ने प्रशासन और सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि इस पूरे मामले में प्रशासन जिम्मेदार है। जिनके द्वारा समय रहते हुए सामग्री की जांच न करते हुए ऐन वक्त पर जांच की गई। जिसके कारण इस आयोजन में शामिल होने वाले आदिवासी परेशान हो रहे हैं।