IRCTC News: आईआरसीटीसी की पर्सनल आईडी से दोस्तों की टिकट बुक की तो जाना होगा जेल

आईआरसीटीसी की पर्सनल आईडी से दोस्तों के लिए टिकट बुक करना अब आपको महंगा पड़ सकता है। अपनी पर्सनल आईडी से दूसरों की टिकट बुक पर आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ऐसा करने पर आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है।

Update: 2022-11-23 10:12 GMT

IRCTC News: आईआरसीटीसी की पर्सनल आईडी से दोस्तों के लिए टिकट बुक करना अब आपको महंगा पड़ सकता है। अपनी पर्सनल आईडी से दूसरों की टिकट बुक पर आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं ऐसा करने पर आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। ट्रेनों में यात्रा करने के लिए लोगों को आसानी से टिकट मिल सके इसके लिए रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) ने ऑपरेशन उपलब्ध प्रारंभ किया है। जिसके जरिए रेलवे टिकट की कालाबाजारी करने वालों पर आरपीएफ द्वारा ताबड़तोड़ कार्रवाइयां कर इस पर अंकुश लगाया जा रहा है।

3 साल की हो सकती है जेल

रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स द्वारा द्वारा प्रारंभ किए गए ऑपरेशन उपलब्ध से टिकट की कालाबाजारी करने वालों में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई है। इससे जहां यात्रियों को आसानी से रेलवे टिकट हासिल हो सकेगा वहीं अवैध रूप से बेची जाने वाली टिकटों पर भी अंकुश लग सकेगा। ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की हमेशा से ही यह पुरानी शिकायत रही है कि उन्हें त्योहारी सीजन में टिकट नहीं मिल पाती है जिससे वे अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाते हैं। तो वहीं एजेंट मोटा कमीशन लेकर तत्काल और सामान्य कैटेगिरी के कन्फर्म टिकट आसानी से मुहैया करा देते हैं। जबकि रेलवे अधिनियम की धारा 143 के तहत ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है। इसमें 10 हजार रुपए तक का जुर्माना और 3 साल तक की कैद का भी प्रावधान है। ऐसे में रेलवे टिकट की कालाबाजारी करने वाले एजेंटों पर ऑपरेशन उपलब्ध के तहत कार्रवाई कर अंकुश लगाया जा रहा है।

अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर से चल जाता है पता

रेलवे सूत्रों के अनुसार आईआरसीटीसी की अपनी पर्सनल आईडी से सिर्फ अपनी या अपने ब्लड रिलेशन वाले रिश्तेदारों की ही टिकट बुक की जा सकती है। क्योंकि यदि आपने दूसरों की टिकट बुक तो यह रेलवे एक्ट के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। जिसमें सजा व जुर्माना दोनों का प्रावधान है। ऑपरेशन उपलब्ध के जरिए आरपीएफ हर ई-टिकट बुक करने वाले पर नजर रख रहा है। आरपीएफ इसके तहत अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर के जरिए पल भर में यह पता लगा लेती है कि प्राइवेट आईडी से बुक हुई टिकट पर उस सरनेम को छोड़कर कोई और यात्री तो सफर नहीं कर रहा है। जिससे सॉफ्टवेयर के माध्यम से बल्क टिकटिंग की पहचान से टिकट की कालाबाजारी कर रहे लोगों पर कार्रवाई संभव हो जाती है।

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