एमपी: आईएएस, आइपीएस, आइएफएस अफसरों के खिलाफ जांच अब नहीं होगी आसान, सीएम की मंजूरी के बाद ही हो सकेगी जांच
भ्रष्ट्राचार की जांच के मामले में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा एक नई व्यवस्था लागू की है।
भोपाल- भ्रष्ट्राचार की जांच के मामले में सरकार द्वारा एक नई व्यवस्था लागू की है। इस व्यवस्था के तहत आईएएस, आइपीएस, आइएफएस और वर्ग एक में शामिल अफसरों के खिलाफ भ्रष्ट्राचार की जांच अब सीधे नहीं हो सकेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री की अनुमति लेना होगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इन अफसरों के खिलाफ जांच के लिए अभी तक जांच एजेंसियां स्वतंत्र होकर कार्रवाई करती थी।
दूसरे कर्मचारियों के लिए विभाग
सामान्य प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि धारा 17 ए के अंतर्गत निर्णय लेने संबंधी सक्षम प्राधिकारी अखिल भारतीय सेवा एवं वर्ग एक के अधिकारियों के मामले में समनवय में मुख्यमंत्री हांगे। वर्ग दो, वर्ग तीन एवं वर्ग चार के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मामले में संबंधित प्रशासकीय विभाग होगा।
धारा 17 ए जोड़ने से हुआ फायदा
बताया गया है कि भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम 1988 में धारा 17-ए जोड़ दिए जाने के कारण इन अधिकारियों को काफी फायदा मिला है। इसी के तहत जांच शुरू करने के लिए जांच एजेंसियों को संबंधित विभाग से अनुमति लेने को कहा गया है। अभी तक यह व्यवस्था राज्य कर्मचारियों के लिए लागू थी। अब नौकरशाहों के मामले में भी इस निर्देश को लागू कर दिया गया है।