मध्यप्रदेश सरकार का सराहनीय कदम: निसंतानता का इलाज फ्री में होगा, रीवा समेत 6 मेडिकल कॉलेजों में खुलेंगे IVF Center

Government IVF Center in MP: मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा और सागर के मेडिकल कॉलेजों में IVF Center खोलने की योजना है.

Update: 2022-02-10 04:37 GMT

Government IVF Center in MP

Government IVF Center in MP: मध्यप्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजों में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) सेंटर खोले जाएंगे. जिससे निसंतानता (Childlessness) से जूझ रहें दम्पत्ति का फ्री में इलाज हो सकेगा. इसके लिए भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा और सागर के मेडिकल कॉलेजों में यह क्लिनिक शुरू करने की तैयारी की जा रही है.

बता दें IVF या टेस्ट ट्यूब बेबी का इलाज अभी तक सरकारी अस्पतालो में नहीं होता था, जिसके चलते लोगों को प्राइवेट अस्पतालों या प्राइवेट आईवीएफ सेंटर्स में 2 से 5 लाख रूपए तक खर्च करने पड़ते थें. अब मध्यप्रदेश सरकार फ्री में इलाज उपलब्ध कराने जा रही है. राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इलाज कराने पर मुफ्त में निसंतानता का इलाज हो सकेगा. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के निर्देश पर यहां IVF क्लीनिक खोलने की तैयारियां शुरू हो गई है.

हाईकोर्ट में दर्ज की गई थी जनहित याचिका

इंदौर जिला अस्पताल की तत्कालीन स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरी राय ने 6 साल पहले हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. हालांकि, उस वक्त डॉ. गौरी के स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ होने के कारण हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार करने के बजाए राज्य सरकार को इस दिशा में कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. मध्यप्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद डॉ. गौरी ने इसे आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की निसंतान महिलाओं के लिए अच्छा कदम बताया है.

निजी IVF सेंटर्स में इलाज महंगा

डॉक्टरों की मानें तो निजी सेंटर्स में IVF का इलाज कराने पर दो से पांच लाख रुपए तक का खर्च आता है. सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इलाज कराने पर मुफ्त में निसंतानता का इलाज हो सकेगा. भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा और सागर के मेडिकल कॉलेजों में यह क्लिनिक शुरू किए जाएंगे. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के निर्देश पर यहां IVF क्लीनिक खोलने की तैयारियां शुरू हो गई है.

क्या है IVF?

ऐसी महिलाएं, जिनकी गर्भाशय (ट्यूब) की नसों में रुकावट होती है, वे गर्भाशय (Uterus) में अंडे के साथ पुरुष के शुक्राणु को निषेचित (fertilized) नहीं कर पाती हैं. इन महिलाओं के अंडे और पुरुषों के शुक्राणुओं को एक परखनली में निषेचित किया जाता है. जब भ्रूण तैयार हो जाता है, तो उसे महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है, जिसके बाद महिला गर्भधारण करती है और बच्चे को जन्म देती है.

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