मोहन यादव को सीएम, राजेंद्र-जगदीश को डिप्टी सीएम बनाने से गोपाल भार्गव नाराज; गढ़ाकोटा लौटें

गोपाल भार्गव ब्राह्मण चेहरा और वरिष्ठता के आधार पर वे सीएम की रेस में थे, लेकिन मोहन यादव को सीएम बनाने से उनकी नाराजगी साफ झलकने लगी।

Update: 2023-12-12 06:15 GMT

एमपी में सीएम के नाम का ऐलान के बाद विधायक दल की बैठक खत्म हो गई पर सोशल मीडिया पर दो डिप्टी सीएम का मैसेज चल पड़ा। इस पर कई विधायक गोपाल भार्गव के पास पहुंचे। भार्गव ने वरिष्ठ नेताओं से पूछा कि क्या ऐसा हुआ और क्यों हुआ है, इस पर जवाब मिला अभी नहीं। इस बीच नाराज गोपाल भार्गव बाहर निकल गए। बाद में पता चला कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र गढ़ाकोटा चले गए हैं।

गोपाल भार्गव 10वीं बार विधायक बनें हैं। ब्राह्मण चेहरा और वरिष्ठता के आधार पर वे सीएम की रेस में थे, लेकिन मोहन यादव को सीएम बनाने से उनकी नाराजगी साफ झलकने लगी। इसके बाद राजेन्द्र शुक्ल, जगदीश देवड़ा का नाम डिप्टी सीएम और नरेंद्र तोमर का नाम स्पीकर के लिए आने पर भार्गव का पारा हाई हो गया। उन्होने आलाकमान से सवाल किया, लेकिन जवाब नहीं मिला। वे पार्टी दफ्तर से बाहर निकलें और सीधे गढ़ाकोटा रवाना हो गए।

नए सीएम डॉ. मोहन यादव के सामने ये भी चुनौतियां 

  • दिग्गज विधायक-नेताओं और पूर्व के साथी मंत्रियों को साधना।
  • सत्ता-संगठन में तालमेल बनाना।
  • कैबिनेट गठन में संतुलन, सर्वमान्यता को बनाना।
  • शिवराज की लाइन को आगे ले जाना। उनसे आगे लाइन बनाना।
  • भाजपा के विकास कार्यों की रफ्तार को बरकरार रखना, बढ़ाना।

मोहन यादव क्यों बनें सीएम?

मोहन यादव के चयन के पीछे OBC कार्ड है। प्रदेश में लगभग 52 फीसदी ओबीसी आबादी है। अब लोकसभा चुनाव के लिए पूरी बिसात बिछाई गई है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह भी ओबीसी वर्ग से हैं, इसलिए शिवराज को ओबीसी चेहरे से ही रिप्लेस किया गया, ताकि ये संदेश न जाए कि ओबीसी चेहरे को हटाकर कोई दूसरा चेहरा लाया गया। उस पर मोहन यादव के सरनेम से सीधा ओबीसी वर्ग का संदेश जाता है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ओबीसी वर्ग को साधने के साथ भविष्य की भाजपा को गढ़ने पर भी काम किया है। इसी कारण मोहन के साथ राजेंद्र शुक्ल, जगदीश देवड़ा को डिप्टी सीएम बनाकर सरकार का नया चेहरा देने की कोशिश है।

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