Film City in MP: मध्यप्रदेश की जनता के लिए खुशखबरी, पहाड़ी में बनेगी फिल्म सिटी, खर्च किए जाएंगे 150 करोड़ रुपए
Film City in MP: मुंबई की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार भी फिल्म सिटी विकसित करने की ओर अग्रसर है। इसके लिए देवास के पास स्थित शंकरगढ़ का नाम तय कर लिया गया है।
Film City in MP: मुंबई की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार भी फिल्म सिटी विकसित करने की ओर अग्रसर है। इसके लिए देवास के पास स्थित शंकरगढ़ का नाम तय कर लिया गया है। टेलिफिल्म्स मुंबई की रश्मि शर्मा द्वारा फिल्म सिटी विकसित करने के लिए पहले पेज पर डेढ़ सौ करोड़ निवेश करने की इच्छा जताई है। जिसके बाद प्रमुख सचिव उद्योग विभाग संजय शुक्ला ने फिल्म सिटी विकसित करने की ओर अपना पहला कदम बढ़ा दिया है। शंकरगढ़ का नाम तय करने के पीछे वहां की प्राकृतिक छटा साथ ही इंदौर एयरपोर्ट की नजदीकी, देवास स्टेशन की सुविधा जैसे महत्वपूर्ण कारण है।
शुरू हुई प्रक्रिया
मध्यप्रदेश के देवास के नजदीक शंकरगढ़ की पहाड़ी को फिल्म सिटी के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए रश्मि शर्मा टेलिफिल्म्स मुंबई की ओर से एक प्रस्ताव दिया गया था। जानकारी के अनुसार जब 100 करोड़ से अधिक का कोई प्रस्ताव आता है तो संबंधित विभाग द्वारा पर इस प्रक्रिया जारी कर दी जाती है।
ऐसे में उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने फिल्म सिटी के संबंध में बुधवार को देवास गए। वहां उन्होंन विधायक गायत्री राजे पवार, कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला तथा उद्योग विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। इसके लिए टेलिफिल्म्स कंपनी का प्रेजेंटेशन भी दिया गया।
क्या खास है शंकरगढ़ में
बात अगर शंकरगढ़ की करें तो कहां की प्राकृतिक छटा फिल्म सिटी के लिए बहुत ही उपयुक्त बताई गई है। ज्ञात हो कि पूर्व में ऑस्ट्रेलियन फिल्म "शेरू द लायन" की शूटिंग हो चुकी है। शंकरगढ़ की पहाड़ी काफी ऊंचाई पर है जो दूर से दिखाई देती है। यहां पर मौजूद झरने और प्राकृतिक सौंदर्य फिल्मों के निर्माण में अपनी अहम उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
एयरपोर्ट है नजदीक
इंदौर एयरपोर्ट से देवास शंकरगढ़ की दूरी मात्र 45 मिनट में तय की जा सकती है। वही देवास रेलवे स्टेशन से फिल्म सिटी पहुंचने में मात्र 15 मिनट का समय लगेगा। ऐसे में शंकरगढ़ की पहाड़ी में फिल्म सिटी विकसित करने पर किसी भी तरह की शूटिंग के दौरान बाहर से आने वाले कलाकारों को कोई भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
प्रदेश में फिल्म सिटी विकसित होने से यहां के बेरोजगार भटक रहे कलाकारों को एक आधार प्राप्त होगा। प्रदेश में प्रतिभावान कलाकारों की कमी नहीं है। आवश्यकता है तो सिर्फ उन्हें मौका मिलने की।