सीएम शिवराज ने कहा- अंग्रेज चले गए अंग्रेजी छोड़ गए, आज़ादी का श्रेय सिर्फ एक खानदान को क्यों दिया गया?
Geeta-Ramayana will be taught in schools of MP: मध्य प्रदेश की सरकारी स्कूलों में गीता और रामायण का पाठ पढ़ाया जाएगा;
मध्य प्रदेश न्यूज़: एमपी की सरकारी स्कूल में गीता और रामायण का पाठ नए शैक्षणिक स्तर से शामिल किया जाएगा। सुघोष दर्शन कार्यक्रम में पहुंचे एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान (MP CM Shivraj Singh Chauhan) ने सभा में मौजूद लोगों के सामने ये बात कही. इस दौरान सीएम चौहान ने कहा-
हम सरकारी स्कूलों में हमारे धर्म ग्रंथों की शिक्षा देंगे। गीता का सार, रामायण, रामसेतु और महाभारत के प्रसंग पढ़ाएंगे। ऐसे लोग, जो महापुरुषों का अपमान करते हैं, उनको सहन नहीं किया जाएगा। मध्यप्रदेश में इन ग्रंथों की शिक्षा देकर हम बच्चों को नैतिक शिक्षादेंगे।
एमपी की सरकारी स्कूलों में गीता रामायण का पाठ
एमपी की सरकारी स्कूलों में गीता रामायण का पाठ शामिल करने की बात कहकर सीएम ने आगे कहा- अंग्रेज चले गए लेकिन हमारे ऊपर अंग्रेजी लाद दी गई. स्कूलों में कहा जाने लगा अंग्रेजी पढ़ाओ वरना कुछ नहीं हो सकता! अंग्रेजी जानने वाले विद्वान हों यह जरूरी नहीं है. मेरे मन में अफ़सोस होता है जब मैं देखता हूं कि जगह-जगह अंग्रेजी बोलना गर्व की बात हो गई है.
अब नई शिक्षा नीति 2020 में यह तय किया गया है कि मातृभाषा में शिक्षा दी जाएगी। हमने मध्यप्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी मीडियम में करने की व्यवस्था की है। शिक्षा वो है, जो मनुष्य को मनुष्य बना दे। नैतिक शिक्षा और आध्यात्मिक शिक्षा जरूरी है। स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि नैतिक शिक्षा जरूरी है। यह नैतिक शिक्षा विद्या भारती देती है।
आज़ादी का श्रेय एक ही खानदान को मिला
सीएम ने कहा- भारत को आज़ादी चांदी की तश्तरी में भेंट करके नहीं दी गई थी. इसके लिए असंख्य क्रांतिवीरों ने अपनी शहादत दी है. आज मन में यह देखकर तकलीफ होती है की आज़ादी के लंबे कालखंड तक ऐसे शहीदों का कोई स्मरण नहीं होता है. आज़ादी का श्रेय सिर्फ एक खानदान को दिया जाता है. जबकि इस लड़ाई में नेताजी सुभाष चंद्र बोस, खुदीराम बोस, दुर्गा भाभी, सरदार पटेल सहित कई लोगों ने अपना योगदान दिया। मैं नेताजी के चरणों में बारंबार प्रणाम करता हूं।