MP College Admission: एमपी के निवासी बन दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों ने लिया प्रवेश

Bhopal News: अन्य राज्यों के विद्यार्थियों ने मप्र के मूल निवासियों की हक के सीटों पर प्रवेश ले लिया है।

Update: 2022-06-08 12:30 GMT

भोपाल: हायर एजुकेशन (Higher Education) द्वारा बीते वर्ष कराई गई काउंसलिंग में एनसीटीई के कोर्सों (NCTE Courses) में अन्य राज्यों के विद्यार्थियों ने मप्र के मूल निवासियों की हक के सीटों पर प्रवेश ले लिया है। अब यदि वे यदि मूल निवासी प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करते हैं तो उनके प्रवेश निरस्त कर दिया जाएगा। इसका खुलासा बरकतउल्ला विवि (Barkatullah University) में बीएड, एमएड और एमपीएड के छात्रों के पात्रता प्रमाण-पत्र बनने के दौरान हुआ। अकेले बीयू में ही ऐसे विद्यार्थियों की संख्या दर्जन भर से अधिक है। अन्य विवि को जोड़ लिया जाय तो संख्या अनुमान से भी कहीं अधिक होगी।

उच्च शिक्षा विभाग ने सत्र 2021-22 में एनसीटीई के 9 कोर्सों में प्रवेश कराने के लिए काउंसलिंग कराई थी। इसमें यूपी, बिहार सहित कुछ अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स ने सत्यापन के समय मूल निवासी प्रमाण पत्र जमा किए बिना एडमिशन ले लिया। परीक्षा के दौरान जब इन विद्यार्थियों के पात्रता प्रमाण-पत्र बनने बीयू भेजा गया तो इस विद्यार्थियों से मूल निवासी प्रमाण-पत्र मांगा गया। हालांकि ये विद्यार्थी जमा नहीं कर पाए। इसलिए बीयू ने इनके प्रमाण-पत्र में रोक लगा दी है। कई विद्यार्थी भी ऐसे हैं जिन्होने मूल निवासी प्रमाण पत्र सत्यापन के समय जमा नहीं किया था। इनसे भी मूल निवासी प्रमाण पत्र मांगा गया है।

क्यों बन रहे एमपी के मूल निवासी

बताया गया है कि मप्र का मूल निवासी बनने से आसानी से सीटों पर प्रवेश मिल जाता है। मप्र का मूल निवासी नहीं होने की दशा में उन्हें ऑल इण्डिया के कोटे से प्रवेश लेना पड़ता है। वहां मेरिट में नहीं आने के कारण प्रवेश से वंचित रह जाते हैं।

वर्जन

पात्रता प्रमाण पत्र बनाने के लिए विद्यार्थियों से मूल निवासी के प्रमाण पत्र मांगे गए हैं। वे समय रहते प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करते हैं। तो उन्हें अन्य राज्यों का विद्यार्थी मानकर प्रवेश में गड़बड़ी करने संबंधी कार्रवाई की जाएगी।

डा. आईके मंसूरी रजिस्ट्रार बीयू

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