Anti Ragging Form: छात्रों को भरना होगा एंटी रैगिंग फार्म, लिख कर देना होगा- मै कभी रैगिंग नही लूंगा
Anti Ragging Form: खास बात यह है कि छात्रों को यह फार्म जमा करने के बाद यूजीसी की तरफ से एक रेफरेंस नंबर आएगा।
MP Colleges News: विश्वविद्यालय और कॉलेजों में रैगिंग को रोकने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नया फरमान जारी किया है। सत्र 2022-23 में एडमीशन लेने वाले विद्यार्थियों को यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन (Anti Ragging Helpline) पर ऑनलाइन फार्म (Online Form) भरना होगा। इस एंटी रैगिंग फार्म (Anti Ragging Form) में छात्रों को लिखना होगा कि मै कभी रैगिंग नही लूंगा। मुझे जानकारी है कि रैगिंग लेना गंभीर अपराध है। अगर इस फार्म को जमा करने के बाद भी मै रैगिंग लेता हूं, तो मेरा पूरी कैरियर खराब हो सकता है। यही नहीं मुझ पर आपराधिक मामला दर्ज हो सकता है। खास बात यह है कि छात्रों को यह फार्म जमा करने के बाद यूजीसी की तरफ से एक रेफरेंस नंबर आएगा। छात्रों को अपने एडमीशन फार्म में भी यह रेफरेंस नंबर दर्ज करना होगा। गौरतलब है कि अधिकतर कॉलेजों में एडमीशन प्रक्रिया (Admission Process) पूरी हो चुकी है। ऐसे में विद्यार्थियों को कॉलेज में यह रेफरेंस नंबर दर्ज करवाना होगा। महाविद्यालय या विवि में रेफरेंस नंबर दर्ज करवाने के बाद ही एडमीशन पूरा माना जाएगा।
समाप्त हो गई थी व्यवस्था
महाविद्यालय सूत्रों की माने तो पूर्व में भी एंटी रैगिंग फार्म भरने की प्रक्रिया (Anti Ragging Form Process) व्यवस्था लागू की गई थी। लेकिन इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया था। अब एक बार फिर से यूजीसी द्वारा विवि और महाविद्यालयों में एडमीशन लेने वाले विद्यार्थियों के लिए यह व्यवस्था शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है कि इस व्यवस्था से रैगिंग पर रोक लगाने में काफी मदद मिलेगी।
वर्जन
रेफरेंस नंबर के आधार पर ही एडमीशन पक्का होने का कदम बहुत अहम है, क्योंकि रैगिंग पर अंकुश के लिए अब सख्ती की जरूरी है। पंरपरागत कोर्स के कॉलेजों में ज्यादा मामले नहीं आते। लेकिन सख्ती जरूरी है। वहीं इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेजों में इसे और प्रभावी व सख्त तरीके से लागू करना होगा।
प्रो. राजीव कुमार झालानी, निजी कॉलेज एसोसिएशन अध्यक्ष