स्वर कोकिला लता के इस गीत पर नेहरू जी के आंखो में बहने लगे थें आंसू..
विशेष। वर्ष 1963 के गणतंत्र दिवस पर स्वर कोकिला लता मंगेशकर ( Lata Mangeskar ) ने ए मेरे वतन के लोगों गीत को ऐसा भावुक भरा स्वर दिया था कि इस
स्वर कोकिला लता के इस गीत पर नेहरू जी के आंखो में बहने लगे थें अंशू..
विशेष। वर्ष 1963 के गणतंत्र दिवस पर स्वर कोकिला लता मंगेशकर ( Lata Mangeskar ) ने ए मेरे वतन के लोगों गीत को ऐसा भावुक भरा स्वर दिया था कि इस गीत को सुनकर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ( Jawaharlala Nehru ) के आंखो में आसू निकल आये थे। यह खुलासा स्वयं लता मंगेशकर ने किया था।
गायक का किया था स्वगत
लताजी मीडिया को बताया था कि “गाने को समाप्त करने के बाद वे रिलैक्स होने के लिए स्टेज के पीछे चली गई। उन्हे वापस बुलाया गया तो वे हैरत में थी। स्टेज पर पहुंचीं तो पंडितजी, उनकी बेटी इंदिराजी, राधाकृष्णनजी समेत सभी लोग खड़े होकर उनका स्वागत कर रहे थे।
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महबूब खान ने जब उपस्थित लोगो से पूछा कि कैसा लगा लता का यह गीत। जिस पर पंडित जी ने कहां बहुत अच्छा मेरी आंखों में पानी आ गया। उन्हे पंडितजी के घर पर चाय के लिये बुलाया गया। लताजी के मुताबिक, वहां पंडितजी ने उनके साथ फोटो भी खिंचवाई थी।
पापुलर्टी पर नही था भरोसा
लताजी के मुताबिक, उन्हें बिल्कुल भी भरोसा नहीं था कि यह गाना इस कदर पॉपुलर हो जाएगा। उनके साथी रहे प्रदीप ने भरोसा दिलाया और कहां कि लता तुम देखना यह गाना बहुत चलेगा। हालांकि, ’ए मेरे वतन के लोगों’ मेरी सिग्नेचर ट्यून बन गया।