दांतों की सड़न को कैसे रोका जाए? जानिए कुछ टिप्स
आज कल दांतों का सड़ना आम बात हो चुकी है. लेकिन इसको कुछ घरेलू टिप्स अपना कर रोका भी जा सकता है.
मानव शरीर (Human body) के मुंह में छोटे-छोटे सफेद रंग की संरचना पाई जाती है, जिसे दांत (Teeth) कहते हैं। दांत (Teeth) शरीर का सबसे कठोर भाग होता है। दातों का मुख्य कार्य भोजन को चबाना, चीरना, काटना आदि होता हैं। कुछ पशु शिकार करने एवं रक्षा करने के लिए भी दांतों का उपयोग करते हैं। दांतों की जड़ मसूड़ों से ढकी रहती है। दांतों का सबसे ज्यादा नुकसान खाने पीने से होता है। जिससे दांतों में कैविटी (cavity), दांतों में दर्द, सड़न, मसूड़ों में खून आना आदि शुरू हो जाता हैं। आज हम आपको बताएंगे कि दांतों की सड़न (tooth decay) को कैसे दूर करें?
दांतों की सड़न के लिए ऑयल पुल्लिंग करें (Oil pulling for tooth decay)
यह एक प्राचीन काल पद्धति है जिसमें एक चम्मच तिल का तेल या नारियल का तेल मुंह में लेकर इसे कुछ देर के लिए मुंह में घूमाए और फिर बाद में तेल को बाहर थूक दें। तिल का तेल माउथवॉश कि तरह किया जाता है। जिससे प्लाक और बैक्टीरिया (Bacteria) की मात्रा कम होने के साथ-साथ दांतों की सड़न (tooth decay) की समस्या भी दूर होती है।
मुलेठी द्वारा दांतों की सड़न दूर करें (remove tooth decay with mulaithi)
मुलेठी एक जड़ी-बूटी है, जिसे चूसने से कैविटी और दांतों में सड़न (tooth decay) की समस्या दूर होती है। मुलेठी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल (Antibacterial) प्रॉपर्टी दांतों में सड़न पैदा करने वाले बैक्टीरिया (Bacteria) को पकड़कर उन्हें मारने का काम करती हैं।
नमक और हल्दी पानी से कुल्ला करने से (gargling with salt and turmeric water)
गर्म पानी में नमक और चुटकी भर हल्दी डालकर अच्छी तरह से कुल्ला करने से दांतों की सड़न (tooth decay), कैविटी, दर्द और संक्रमण दूर होता हैं। क्योंकि नमक और हल्दी में एंटीसेप्टिक और जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं।
लौंग के तेल से (from clove oil)
औषधीय गुणों से भरपूर लौंग के तेल में यूजेनॉल पाया जाता हैं,जिसमें एंटीसेप्टिक, एंटीफंगल (Antifungal)और एंटीबैक्टीरियल (Antibacterial) गुण पाया जाता हैं। जो दांतों में दर्द, सड़न, और कैविटी जैसी दातों की हर तरह की समस्या को दूर करने में सहायक होता हैं।
ब्लूबेरी खाने से (eating blueberries)
ब्लूबेरी शुगर फ्री होता है। जिसमें पॉलिफिनॉल्स पाया जाता हैं, जो मुंह के अंदर के बैक्टीरिया (Bacteria) से लड़ने की क्षमता रखता है। जिससे दांतों की सड़न (tooth decay) रोकने में मदद मिलती है।
नीम की दातुन करने सें (neem brushing)
नीम की डंडी या छोटी टहनी को दातुन कहते हैं। जिसे दातों से चबाने से मसूड़े स्वस्थ एवं दांत मजबूत बनते हैं। नीम की दातुन चबाने से दांतों में सड़न (tooth decay), बदबू , मसूड़ों में दर्द, दांतों में खून से बचाता है इस दातून से रोज दो बार ब्रश करें।
शुगर फ्री चिंगम खाने से (by eating sugar free gum)
शुगर फ्री चिंगम चबाने से मुंह में लार बनती रहती हैं, जिससे दांत संक्रमण मुक्त रहते हैं।
आंवला खाने से (by eating amla)
आंवले को कच्चा या उबालकर, मुरब्बा बनाकर खाने से दांतों में सड़न(tooth decay), दर्द दूर होता है, और मसूड़े स्वस्थ बनते हैं क्योंकि आंवले में विटामिन सी (vitamin C) की मात्रा सर्वाधिक पाई जाती है। जो मुंह और दांतों में उपस्थित बैक्टीरिया (Bacteria) को खत्म करती हैं।