स्वर कोकिला लता मंगेशकर का आज 91वां जन्मदिन, प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे दी बधाई...
अपनी आवाज से दुनिया भर को दीवाना बनाने वाली स्वर कोकिला नाम से मशहूर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का आज 91वां जन्मदिन है. इस मौके पर देश
अपनी आवाज से दुनिया भर को दीवाना बनाने वाली स्वर कोकिला नाम से मशहूर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का आज 91वां जन्मदिन है. इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने उन्हें ट्वीट करते हुए बधाई दी है. पीएम के साथ पूरा बॉलीवुड एवं उनके फैंस उन्हें बधाइयां दे रहें हैं.
Spoke to respected Lata Didi and conveyed birthday greetings to her. Praying for her long and healthy life. Lata Didi is a household name across the nation. I consider myself fortunate to have always received her affection and blessings. @mangeshkarlata
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मै बहुत सौभाग्यसाली हूं कि मुझे हमेशा लता जी का स्नेह और आशीर्वाद मिलता है. पीएम मोदी ने लता जी को देश की पहचान बताया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी प्रत्येक वर्ष लता मंगेशकर के जन्मदिन पर बधाई देते हैं.
इंदौर में हुआ था स्वर कोकिला लता मंगेशकर का जन्म
स्वर कोकिला का जन्म 28 सितम्बर, 1929 को मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी एवं मिनी मुंबई के नाम से पहचाने जाने वाले इंदौर में हुआ था. एक छोटे से शहर में जन्मीं लता मंगेशकर की आवाज का दीवाना न सिर्फ देश बल्कि पूरा विश्व है. गायिकी क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने के लिए उन्हें भारत रत्न, पद्म विभुषण, पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
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कम उम्र में पिता का साया सर से उठा
स्वर कोकिला लता मंगेशकर जब 13 वर्ष की थी तभी उनके पिता का साया उनके सर से उठ गया था. उनके पिता का निधन दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ था. इसके बाद पिता के दोस्त मास्टर विनायक ही वो शख्स रहें जिन्होंने लता को गायिका के क्षेत्र में लाने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
मुंबई में स्ट्रगल
मायानगरी यूं ही किसी के हाँथ नहीं आती. मुंबई में प्रसिद्धि पाने के लिए हर किसी को बड़ा स्ट्रगल करना होता है. ऐसा ही स्ट्रगल लता मंगेशकर को भी करना पड़ा था. बताया जाता है कि लता मंगेशकर 40 की दशक में गाना गाने के लिए मुंबई पहुंची थी, उस दौर पर उन्हें लोकल ट्रैन पकड़कर स्टूडियो जाना होता था. कभी कभार उन्हें ट्रेन में ही किशोर कुमार भी मिल जाया करते थें. किशोर कुमार के साथ भी उन्होंने बहुत गीत गाए हैं.