इस रत्न को धारण करते ही बदल जाएगी आपकी किस्मत, होगा कुछ ऐसा कि जिसकी कल्पना आपने कभी नहीं की होगी, जानिए!
माणिक रत्न सूर्य का उपासक है.
रत्न। ज्योतिष विद्र के अनुसार माणिक रत्न सूर्य का उपासक होता है। इसमें सूर्य के गुण विद्यमान होते हैं और अधिकांशतः कुंडली में सूर्य के पीड़ित या कमजोर होने पर माणिक धारण करने की सलाह दी जाती है। यह बहुत ही ऊर्जावान रत्न होता है। मार्णिक रत्न धारण करने से कुंडली में स्थित सूर्य को बल मिलता है।
इस तरह के मिलते है लाभ
इस रत्न के प्रभाव से व्यक्ति के व्यक्तित्व में भी सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। माणिक धारण करने से व्यक्ति की इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास बहुत बढ़ जाते हैं। आंतरिक सकारात्मक शक्ति और इम्युनिटी बढ़ती है। सामाजिक प्रतिष्ठा, यश और प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है। माणिक धारण करने से व्यक्ति में प्रतिनिधित्व करने की शक्ति आती है और उसकी प्रबंधन कुशलता भी बढ़ जाती है। परिस्थितियों को मैनेज करने में वह व्यक्ति सक्षम होता है। माणिक धारण करने पर व्यक्ति के अंदर दबी हुई प्रतिभाएं उदित हो जाती हैं और वह भय मुक्त होकर अपनी प्रतिभा का अच्छे से प्रदर्शन कर पाता है।
स्वास्थ में भी लाभकारी
मार्णिक रत्न धारण करने से रत्न धारक की आंखों से जुड़ी समस्याएं, दृष्टि की समस्या, हृदय रोग, बाल झड़ने और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं में भी सकारात्मक परिणाम मिलता है।
आनामिका अंगुली में करे धारण
माणिक को ताम्बे या सोने की अंगूठी में बनवाकर सीधे हाथ की अनामिका अंगुली में रविवार को धारण करना चाहिए। इसके अलावा लॉकेट के रूप में लाल धागे के साथ गले में भी धारण कर सकते हैं। विधि अनुसार माणिक को पहले गाय के दूध या गंगाजल से अभिषेक करके धूप-दीप जलाकर सूर्य मंत्र का जाप करके पूर्वाभिमुख होकर माणिक धारण करना चाहिए। माणिक धारण करने के लिए 'ऊं घृणिः सूर्याय नमः' मंत्र की एक से तीन जाप अवश्य करें।