Tax Saving Investments: टैक्स का पैसा बचाने के लिए अपनाएं यें रास्ते
अगर आप भी टैक्स (tax) के पैसो को बचाना चाहते हैं, तो इन टिप्स को जरूर अपनाएं।
Tax Saving Investments In Hindi: इस दुनिया में अधिकतर लोगों को टैक्स देना एक फिजूल खर्च लगता है। यदि आपके पास टैक्सेबल इनकम है और आप टैक्स चुकाने से बचना चाहते हैं। तो आप वित्तीय वर्ष की शुरुआत में अच्छी योजनाओं में निवेश करके टैक्स लायबिलिटी को कम कर सकते हैं। क्योंकि भारत में इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, कुछ खर्चा और निवेशों पर टैक्स में छूट दी दी जाती है। आज हम आपके लिए टैक्स से बचने के लिए कुछ रास्तों के बारे में बताएंगे जिनसे आपको टैक्स कटौती का फायदा मिलेगा।
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम (health insurance premium)
धारा 80 डी के दौरान स्वयं एवं अन्य परिवार के सदस्यों के लिए स्वास्थ्य बीमा खरीदने और प्रीवेंटिव हेल्थ चैकअप के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर कटौती का दावा किया जा सकता है। इसमें लिमिट अलग-अलग होती हैं
एजुकेशन लोन (education loan)
धारा 80ई के दौरान एक व्यक्ति आश्रित बच्चे या पती, पत्नी की उच्च शिक्षा के लिए लिए गए शिक्षा लोन के ब्याज भुगतान पर कटौती का दावा कर सकता है। इस कटौती की कोई लिमिट नहीं होती है।
पेंशन योजना (pension scheme)
आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत जीवन बीमा प्रीमियम, प्रोविडेंट फंड, पीपीएफ, ईएलएसएस योजनाओं में निवेश, 2 बच्चें तक के लिए भुगतान की गई ट्यूशन फीस, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, हाउसिंग लोन के मूलधन के भुगतान में 1.50 लाख रुपए तक की टैक्स कटौती का दावा करने की अनुमति देता है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension System)
धारा 80 सीसीडी के दौरान कर्मचारी द्वारा एनपीएस में किए गए निवेश पर 50,000 रुपए तक की अतिरिक्त टैक्स कटौती का क्लेम किया जा सकता है। यह धारा 80 सीसीडी के दौरान किए गए निवेश के अतिरिक्त है। धारा 80 सीसीडी 2 के तहत, एम्प्लोयर द्वारा एनपीएस के में किए गए योगदान पर कटौती का दावा भी किया जा सकता है।
विकलांग आश्रितों के मूलभूत आवश्यकताओं पर खर्च
विकलां आश्रित के रखरखाव याद चिकित्सा उपचार के लिए किए गए खर्च पर 75,000 रुपए तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। और गंभीर विकलांगता के मामले में, कटौती 1.25 लाख रुपए तक हो सकती है।
होम लोन (home loan)
होम लोन (home loan) के मूल भुगतान के लिए अदा की गई इनकम का दावा धारा 80 सी के दौरान 1.50 लाख रुपए की कुल सीमा के अंदर ही किया जा सकता है।धारा 24 बी के तहत, एक व्यक्ति होम लोन के ब्याज भुगतान पर अपनी प्रॉपर्टी के लिए, लिये गयें होम इंप्रूवमेंट लोन पर 2 लाख तक टैक्स बेनिफिट का दावा कर सकता है।