Edile Oil Prices: खाने के तेल की कीमतों में गिरावट, जानिए क्या है मुख्य कारण?

Edile Oil Prices: खाने के तेल की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है।

Update: 2022-06-12 02:31 GMT

Edible Oil Prices: वैश्विक स्तर बाजारों में मंदी के रुख के बीच देश की राजधानी दिल्ली के भी ऑइल बाजार में शुक्रवार को सरसों (Mustard), मूंगफली (Groundnut), सोयाबीन तेल (Soya Bean Oil) सहित लगभग सभी खाने के तेलों की कीमतों में गिरावट देखी गई।  बाकी तेल-तिलहन के भाव पहले के स्तर पर बने रहे। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मलेशिया एक्सचेंज (Malaysia Exchange) में लगभग 4.25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि शिकागो एक्सचेंज लगभग डेढ़ फीसदी तक निचे आ गया। एक्सपर्ट्स का मानना है की इंटरनेशनल मार्किट इस गिरावट के कारण सभी तेल तिलहनों के भाव में कमजोरी देखने को मिली है. जानकारी के अनुसार कि सरकार ने 24 मई को कहा था कि केवल उपभोक्ताओं को आपूर्ति करने वाली तेल रिफाइनिंग कंपनियां 20 लाख टन सूरजमुखी तेल और 20 लाख टन सोयाबीन डीगम का शुल्क मुक्त आयात कर सकती हैं. इसके बाद 24 मई के बाद से आयातकों ने खाद्य तेल खरीदना बंद कर दिया। 

सरसों की आवक हुई कम

फाइनेंसियल एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार मलेशिया से पाम (Palm), पामोलीन का इम्पोर्ट करना आसान है लेकिन इस इम्पोर्ट के आने में 10-15 दिन का समय लगता है. जबकि हल्के तेल के आयात में डेढ़ से दो महीने लगते हैं। बताया जा रहा है कि मंडियों में सरसों की आवक कम हो गयी है और इसका रिफाइंड बनना भी कम हुआ है, बिनौला लगभग खत्म हो गया है, आगे बरसात का मौसम फिर जाड़े में हल्के तेलों की मांग बढ़ेगी, जिसका सारा दबाव सोयाबीन पर आएगा। विदेशों में फिलहाल सोयाबीन के दाम (soyabean oil rate) ऊंचे स्तर पर है। बताया जा रहा है कि दूसरा अगर रुपया के रेट अभी की तरह कमजोर बने रहे तो आने वाले दिनों में इम्पोर्ट  के सौदे महंगे बैठेंगे। इन सारी स्थितियों का इलाज देश में लोकल तेल तिलहन का उत्पादन बढ़ाकर ही किया जा सकता है। नहीं तो दिक्कतें आ सकती हैं। 

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